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Bihar News : ऐसे कैसे सुधरेगी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ! सदर अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में भी मरीजों को नहीं मिलता एम्बुलेंस, बदहाली के खिलाफ भारी रोष

आपातकालीन स्थिति में भी मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिलने को लेकर बिहार के नवादा जिले में लोगों में भारी रोष है. इस बदहाली को लेकर आम लोगों में कई प्रकार की शिकायतें हैं. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसे कैसे सुधरेगी बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था.

Nawada Sadar Hospital
Nawada Sadar Hospital- फोटो : Social Media

Bihar News : एम्बुलेंस सेवा आपातकालीन सेवा मानी जाती है लेकिन नवादा में स्थिति ठीक विपरीत है। आपातकालीन स्थिति में भी मरीजों को एम्बुलेंस सेवा प्रदान नहीं की जाती है। जिसके चलते मरीज के तीमारदार अस्पताल में हंगामा पर उतारू हो जाते हैं। एम्बुलेंस सेवा की लचर स्थिति से अस्पताल प्रबंधन अप्रिय घटना को लेकर सहमा है। इस बाबत सिविल सर्जन से पत्राचार किया गया है। 


गौरतलब है कि पूर्व में पीडीपीएल एम्बुलेंस 102 सेवा का संचालन करती थी। अब राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर एम्बुलेंस सेवा का जिम्मा जेनप्लस को दे दी गई है। जब से जेनप्लस ने कमान संभाली है, तबसे हालत काफी बदतर हो गई है। एजेंसी की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि अस्पताल के उपाधीक्षक और प्रबंधक की भी बात सुनने और मानने को तैयार नहीं है। आपातकालीन स्थिति में उपाधीक्षक द्वारा कभी मरीज को ले जाने के लिए कहा जाता है तो उन्हें भी 102 पर डायल करने को कहा जाता है। शायद एजेंसी आपातकालीन स्थिति का मतलब भी नहीं समझती है। 


102 पर डायल करने में लगता है काफी वक्त

इधर, मरीजों के तीमारदारों का कहना है 102 पर डायल करने के बाद एंबुलेंस की सेवा लेने में काफी वक्त लग जाता है। केवल बात करने और जानकारी जुटाने की फिराक में एजेंसी 20-25 मिनट लगा देती है। इस दौरान कई बार होल्ड पर भी रखा जाता है। ऐसी हालत में अगर मरीज की हालत गंभीर रही तो जान भी जा सकती है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। 


रेफर मरीज को भी समय पर नहीं मिलता एंबुलेंस

रेफर किए गए मरीज को भी 102 एंबुलेंस की सेवा समय पर नहीं मिल पाती है। कचना मोड़ पर एक युवक सड़क हादसे में जख्मी हो गया था। उसे पकरीबरावां पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मरीज के परिजनों ने डायल 102 पर कई पर कॉल लगाया, लेकिन बात नहीं हो सकी। फिर परिजन निजी व्यवस्था से युवक को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 


एम्बुलेंस में एक भी दवा उपलब्ध नहीं

उपाधीक्षक ने सीएस को लिखा में एम्बुलेंस सेवा की लचर हालत पर खबर प्रकाशित की गई थी। एम्बुलेंस में एक भी दवा उपलब्ध नहीं रहने पर चिंता जाहिर करते हुए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिसके बाद उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने सिविल सर्जन से पत्राचार किया है। उन्होंने अपने पत्र में साफ उल्लेख किया है कि एंबुलेंस 102 में दवाईयां उपलब्ध नहीं रहती हैं। इतना ही नहीं आपातकालीन स्थिति में जेनप्लस उनकी बात को अनसुना कर देती है। जिसके चलते अस्पताल में हंगामा की नौबत बनी रहती है। ऐसी स्थिति में कभी भी अस्पताल में अप्रिय घटना हो सकती है।

नवादा से अमन की रिपोर्ट 

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