Smart Meter: पटना के आशियाना नगर में स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी से एक तीन कमरों वाले फ्लैट का बिजली बिल चौंकाने वाली रकम 6 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इस घटना ने राजधानी के नागरिकों को न केवल हैरान किया, बल्कि स्मार्ट मीटर की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए।
क्या है मामला?
घटना तब सामने आई जब फ्लैट मालिक ने अपना बिजली बिल देखा और उसमें असामान्य राशि दर्ज पाई। सामान्यतः तीन कमरों वाले फ्लैट का मासिक बिजली बिल कुछ हज़ार रुपये होता है, लेकिन इस बार यह राशि करोड़ों में थी।
पेसू का बयान
पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई अंडरटेकिंग (पेसू) के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह एक तकनीकी गड़बड़ी है और गलत बिल बनाया गया है। पेसू का आश्वासन है कि जल्द ही सही बिल जारी किया जाएगा और उपभोक्ता को राहत दी जाएगी।
स्मार्ट मीटर का उद्देश्य
स्मार्ट मीटर का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में बिजली खपत के आंकड़े प्रदान करना और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
गड़बड़ी के संभावित कारण
डेटा एंट्री की गलती: बिलिंग सिस्टम में मैन्युअल डेटा एंट्री के दौरान त्रुटि।
सॉफ्टवेयर बग: स्मार्ट मीटर और बिलिंग सॉफ्टवेयर के बीच समन्वय में समस्या।
संचार गड़बड़ी: मीटर से केंद्रीय सर्वर तक डेटा ट्रांसमिशन में रुकावट।
स्मार्ट मीटर की समस्याएं
स्मार्ट मीटर के उपयोग में हाल के वर्षों में कई गड़बड़ियों की शिकायतें आई हैं, जैसे:
बिजली खपत का गलत अनुमान।
मीटर रीडिंग का अचानक बढ़ना।
अनावश्यक फाइन और शुल्क।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव और उपाय
उपभोक्ता अधिकार
बिलिंग में पारदर्शिता: उपभोक्ताओं को स्पष्ट और सटीक बिल प्रदान करना।
शिकायत समाधान तंत्र: उपभोक्ताओं को समय पर शिकायत दर्ज करने और समाधान पाने का अधिकार।
सुधारात्मक कदम
तकनीकी उपकरणों का नियमित निरीक्षण।
स्मार्ट मीटर सॉफ्टवेयर का समय-समय पर अपडेट।
गड़बड़ी के मामलों में तुरंत सुधार और मुआवजा नीति।