Bihar Politics Nitish Kumar: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला वोटबैंक को अपने पक्ष में मजबूत करने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। 15 दिसंबर से वह पूरे राज्य में महिला संवाद यात्रा शुरू करेंगे। इस यात्रा के दौरान नीतीश महिलाओं से संवाद करेंगे और उनके मुद्दों को सुनेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद वह महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा करेंगे।
महिला योजनाओं से सत्ता का समीकरण
देश के अन्य राज्यों में महिलाओं के लिए लाई गई योजनाओं ने चुनावी समीकरण बदले हैं, उदाहरण के तौर पर
महाराष्ट्र की लाडली योजना:
महिलाओं को वित्तीय सहायता देकर सत्ताधारी दल को फायदा हुआ।
झारखंड की मईया सम्मान योजना:
महिलाओं को हर महीने भत्ता देकर सरकार ने अपनी स्थिति मजबूत की। बिहार में भी ऐसी योजनाओं को महिला वोटबैंक को साधने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा का महत्व
नीतीश कुमार की यह यात्रा उनके राजनीतिक ट्रंप कार्ड के रूप में देखी जा रही है। नीतीश कुमार पहले ही महिलाओं को 33% आरक्षण देकर इस वर्ग में अपनी स्थिति मजबूत कर चुके हैं। शराबबंदी जैसे कदम उठाकर भी उन्होंने महिलाओं का भरोसा जीता है।
यात्राओं की सफलता:
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्राएं अक्सर उनकी सत्ता वापसी में मददगार साबित हुई हैं। उन्होंने 2005 से अब तक 14 राजनीतिक यात्राएं की हैं, जिनमें "न्याय यात्रा", "विकास यात्रा", और "समाज सुधार यात्रा" प्रमुख हैं। माना जा रहा है कि महिला संवाद यात्रा के बाद नीतीश कुमार नगद सहायता या भत्ता योजना जैसी घोषणाएं कर सकते हैं।
महिला से जुड़े यात्रा का महत्व:
ऐसी योजनाओं से महिला वोटबैंक को मजबूत किया जा सकता है।विपक्ष के लिए इस तरह की योजना का काट खोजना मुश्किल हो सकता है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और रणनीति
विपक्ष ने नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा को उनकी अंतिम सियासी यात्रा बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि यात्रा करना हर नेता का अधिकार है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि नीतीश की यात्रा के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी।
नीतीश कुमार की पूर्व यात्राओं का प्रभाव
नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक करियर में कई यात्राओं के जरिए जनता से संवाद किया है:
2005: न्याय यात्रा।
2009: विकास यात्रा।
2010: विश्वास यात्रा।
2011: सेवा यात्रा।
2012: अधिकार यात्रा (विशेष राज्य के दर्जे की मांग)।
2014: संकल्प यात्रा।
2015: संपर्क यात्रा।
2016: निश्चय यात्रा।
2017: समीक्षा यात्रा।
2019: जल जीवन हरियाली यात्रा।
2021: समाज सुधार यात्रा।
2023: समाधान यात्रा।
महिला वोटबैंक की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई राज्यों में सरकार बनाने में इसने अहम भूमिका निभाई है।न यात्रा की है.