PATNA - बिहार के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन के स्वरुप को बदलने को लेकर काम शुरू हो गया है। जिसमें सभी स्कूलों में एचएम सहित शिक्षकों को मिड डे मिल की जिम्मेदारी से मुक्त रखा जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिहार के 10 जिलों में कुल 20 पंचायतों को इस प्रोजेक्ट के तहत चयनित किया गया है।
प्रदेश भर में मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मधुबनी, दरभंगा, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय और औरंगाबाद को शामिल किया गया है। जहां इन स्कूलों में बीआरपी और शिक्षा सेवकों को व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक के रूप में कार्य का प्रभार सौंपा गया है। ये संबंधित स्कूलों में योजना के तहत लाभान्वित होने वाले बच्चों का आंकड़ा भी संग्रहित करेंगे जिला पीएम पोषण योजना कार्यालय की ओर से बताया गया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित पंचायतों में नयी व्यवस्था को लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। दो दिसंबर से इस योजना की शुरुआत की जाएगी।
शिक्षकों की कम होगी जिम्मेदारी
मिड डे मिल से शिक्षकों को अलग रखने की यह योजना तमिलनाडू की है। जहां इसे काफी सफलता मिली है। अब इसे बिहार में शुरू करने की तैयारी है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शिक्षकों पर आनेवाली अतिरिक्त जिम्मेदारी खत्म होगी और वह बच्चों की पढ़ाई पर अधिक फोकस कर सकेंगे। साथ ही योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिलेगी।
मुजफ्फरपुर में इन पंचायतों का हुआ चयन
मुजफ्फरपुर में कुढ़नी प्रखंड के जम्हरुआ और सकरा प्रखंड के पैगंबरपुर गांव को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. जम्हरुआ में कुल चार और पैगंबरपुर में कुल छह स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट को प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत स्कूलों में मध्याह्न भोजन का संचालन व्यवस्थापक और सहायक व्यवस्थापक कराएंगे।