PATNA : एक ऐसा समय था। जब बिहार की सड़को की खूब बदनामी होती थी। सूबे की सड़को को लेकर कई लोग कहा करते थे कि गड्डे में सड़क है या सड़क में गड्डा। प्रदेश की सड़को की स्थिति को देखकर उस समय लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि हम प्रदेश की सड़को को हेमा मालिनी के गालों जैसा चिकना बनाएंगे। लेकिन उस संमय से सूबे की सड़को की स्थिति को अच्छा बनाने का प्रयास लगातार चलता रहा। लेकिन अब बिहार की बदहाल सड़को की स्थिति बदलने जा रही है। प्रदेश की सड़को के अच्छे दिन अब आने वाले है। नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद जहां एक ओर बिहार में कई नेशनल हाइवे है।
7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा
लेकिन 13 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य में एक भी एक्सप्रेस वे नहीं है। अब वो दिन दूर नहीं जब बिहार में पहले एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होगा। गया जिले के आमस से दरभंगा तक सूबे का पहला एक्सप्रेस-वे होगा। यह प्रदेश के 7 जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 189 किलोमीटर लंबी होगी। भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाला इस सड़क का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।
56 गांवो के 1300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा
इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आमस,रामनगर, सबलपुर, चकसिकंदर, दभैच, इब्राहिमपुर, ओकरी, पभेरा, मथुरापुर, गुरारू, पंचानपुर, बेला, बहुआरा, शाहपुर बघौनी (ताजपुर), शिव नंदनपुर (बूढ़ी गंडक), बासुदेवपुर रामनगर (लहेरियासराय), बेला नवादा (दरभंगा) को जोड़ते हुए एक्सप्रेस वे NH-27 से मिल जाएगा। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण का लक्ष्य 2024 तक ही रखा गया था। लेकिन अब तक पुरा नहीं हो पाया। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए के 56 गांवो के 1300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
रितिक की रिपोर्ट