Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बिहार सरकार और शिक्षा विभाग सजग है। शिक्षा विभाग के द्वारा आए दिन विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने से लेकर शिक्षकों के द्वारा गुणवत्ता से पढ़ाई कराई जाए इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव स्कूलों का लगातार निरीक्षण भी कर रहे हैं। प्रत्येक दिन वो 10 विद्यालयों में वीडियो कॉल कर वहां की कमियों को जान रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के स्कूलों में शिक्षा विभाग ने बच्चों की हाजिरी पर कड़ी नजर रखने का फैसला लिया है।
सरकारी योजनाओं का गलत इस्तेमाल
दरअसल, विभाग को मिली जानकारी के अनुसार कई स्कूलों में हेडमास्टर बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद उसे बढ़ाकर दिखाते हैं ताकि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। स्कूलों में पोशाक से लेकर मिड डे मील की सुविधा तक बच्चों की हाजिरी से ही तय होता है। शिक्ष विभाग ने पाया है कि स्कूलों के हेडमास्टर बच्चों की उपस्थिति को अधिक दिखाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता की आशंका
हाल ही में चंपारण के एक स्कूल में हुई जांच में यह बात सामने आई कि स्कूल में कुल 523 छात्र-छात्राएं होने के बावजूद, सिर्फ 116 छात्र ही उपस्थित थे। जबकि पिछले एक सप्ताह के दौरान 350 से अधिक बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। इस तरह की अनियमितता से यह संकेत मिलता है कि स्कूल प्रशासन मध्याह्न भोजन योजना की राशि और खाद्यान्न का दुरुपयोग कर रहा है।
डिजिटल हाजिरी व्यवस्था से लगेगी लगाम
शिक्षा विभाग ने इस तरह की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल हाजिरी व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। इस व्यवस्था के तहत, शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएंगे जिनके माध्यम से वे बच्चों की हाजिरी बनाएंगे। साथ ही, कक्षा में उपस्थित सभी बच्चों की तस्वीरें भी अपलोड करनी होंगी। एक सॉफ्टवेयर इस डेटा का विश्लेषण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि हाजिरी में किसी तरह की हेराफेरी न की गई हो।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
जानकारी अनुसार शिक्षक टैबलेट पर बच्चों की हाजिरी बनाएंगे। हर बच्चे के नाम के आगे उन्हें उपस्थित मार्क करना होगा। कक्षा में उपस्थित सभी बच्चों की तस्वीरें भी अपलोड करनी होंगी। एक सॉफ्टवेयर अपलोड की गई तस्वीरों और हाजिरी डेटा का मिलान करेगा। अगर शिक्षक उपस्थिति संख्या बढ़ाने के लिए थोड़ा भी हेर-फेर करेंगे तो सॉफ्टवेयर उसे बता देगा।
क्यों जरूरी है डिजिटल हाजिरी व्यवस्था?
इससे स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ सही बच्चों तक पहुंचेगा। स्कूलों में होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। इसके लागू होने के बाद छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ेगी। साथ ही सरकारी योजनाओं में शिक्षकों के द्वारा गड़बड़ी भी नहीं की जा सकेगी।
कब से लागू होगी यह व्यवस्था?
शिक्षा विभाग जनवरी, 2025 से शिक्षकों को टैबलेट पर बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण देगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद मार्च तक राज्यभर के स्कूलों में इस सिस्टम को लागू करने की योजना है। इसके लिए राज्यभर के सरकारी स्कूलों के वर्ग शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा, जिस पर शिक्षकों को बच्चों की डिजिटल हाजिरी बनानी होगी। फिलहाल विभाग टैबलेट की खरीदारी कर रहा है।