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Buxar News - बक्सर में इंजीनियरिंग का दिखा अनोखा कमाल, सड़क से नीचे बने मकान को जैक से उठाकर 7 फीट किया गया ऊपर

Buxar News - बक्सर जिले के कोइरपुरवा मोहल्ले में इन दिनों एक मकान चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह मकान जो पहले सड़क से करीब 3 फीट नीचे था अब इसे 7 फीट ऊपर उठाया जा रहा है।

मकान को जैक से उठाकर 7 फीट किया गया ऊपर

Buxar - बिहार के बक्सर जिले के कोइरपुरवा मोहल्ले में इन दिनों एक मकान चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह मकान, जो पहले सड़क से करीब 3 फीट नीचे था, अब इसे 7 फीट ऊपर उठाया जा रहा है। इस अद्भुत कार्य को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस चार मंजिला मकान में लोग रहते हुए भी इसे जैक की मदद से धीरे-धीरे ऊपर उठाया जा रहा है। 

कैसे हो रहा है यह काम?

इस कार्य को अंजाम दे रही है "विश्वकर्मा एंड कंपनी"। इसके संचालक चंद्रकिशोर मंडल ने बताया कि यह तकनीक जापानी है, जिसे उन्होंने चेन्नई में सीखा। इस तकनीक की मदद से सड़क से नीचे गए मकानों को 10 फीट तक ऊपर उठाया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर मकानों को 40 फीट दूर शिफ्ट भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी मकान उठाने और शिफ्टिंग का काम जारी है।

मकान मालिक की कहानी

मकान मालिक नागेश्वर सिंह ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2000 में यह मकान बनवाया था। लेकिन बाद में मोहल्ले में अन्य मकानों की ऊंचाई बढ़ा दी गई और सड़क का लेवल भी ऊंचा हो गया। इसके कारण उनका मकान सड़क से 3 फीट नीचे चला गया और बारिश के समय घर में पानी भरने लगा।नागेश्वर सिंह ने बताया, "मकान तोड़कर नया बनाने से यह तकनीक काफी सस्ती और सुविधाजनक है। न तो आसपास के लोगों को कोई परेशानी हो रही है और न ही मकान की संरचना को कोई नुकसान पहुंच रहा है।"

तकनीक के फायदे

विशेषज्ञों के अनुसार, यह तकनीक मकान तोड़ने और नए सिरे से बनाने की तुलना में काफी किफायती है। साथ ही, इसमें जोखिम भी बेहद कम है। चंद्रकिशोर मंडल ने बताया कि इस प्रक्रिया में जैक का उपयोग करके मकान को धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाता है, जिससे मकान की मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ता।

लोगों में उत्सुकता

इस अनोखे कार्य को देखने के लिए स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं। लोग इसे पहली बार देख रहे हैं और इस तकनीक की सराहना कर रहे हैं।यह तकनीक उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनके मकान सड़क से नीचे चले गए हैं। यह कार्य बक्सर जिले के कोइरपुरवा मोहल्ले में तकनीकी नवाचार और परिश्रम की मिसाल बन गया है।

बक्सर से संदीप वर्मा की रिपोर्ट

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