बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

Chhath Puja 2024: अक्षरा सिंह पहली बार कर रहीं छठ, यूजर्स कर रहे ट्रोल

अक्षरा सिंह पहली बार छठ कर रही हैं। इस दौरान उनके फैंस जहां उनका सपोर्ट कर रहे हैं। तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं कुछ यूजर्स उन्हें इसको लेकर ट्रोल कर रहे हैं।

Chhath Puja 2024: अक्षरा सिंह पहली बार कर रहीं छठ, यूजर्स कर रहे ट्रोल

भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर अक्षरा सिंह पहली बार छठ पर्व कर रही हैं। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने इसकी जानकारी दी है। फेसबुक लाइव में अक्षरा सिंह ने कहा कि मैं अभी पटना में हूं। पहली बार छठ करने जा रही हूं। इसके लिए बहुत ज्यादा तैयारी हो रही है। हमलोगों के लिए यह महापर्व है। मेरे घर में पहले से ही छठ पूजा होता रहा है। मां से सीख-सीखकर मैं कर रही हूं। गलती से भी कोई गलती छठ में नहीं हो, इसका ध्यान रखूंगी। मैं सभी के लिए प्रार्थना करूंगी कि जीवन में खूब खुशियां आए और दुख की कोई छाया नहीं पड़े।

वहीं, अक्षरा सिंह के छठ करने पर कुछ लोग उन पर सवाल उठा रहे हैं। अक्षरा को सीख दे रहे हैं कि 'हमारे यहां बिना शादी के लड़कियां छठ व्रत नहीं करती हैं'। दरअसल, अक्षरा सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया है। इसमें वे अपने प्रथम छठ व्रत के लिए तैयारी कर रही हैं। प्रसाद बनाने के लिए गेहूं धोती और सुखाती दिख रही हैं। इसके साथ कैप्शन लिखा है, 'पहले छठ की शुरुआत'। अक्षरा के इस पोस्ट पर कुछ यूजर्स लिख रहे हैं, 'हमारे यहां बिना शादी के कोई छठ पूजा नहीं करता है। आप बिना शादी के छठ पूजा क्यों कर रही हैं?' एक यूजर ने लिखा, लिपस्टिक और मेकअप लगाकर छठ नहीं किया जाता है। ये रील के लिए छठ किया जा रहा है।

इसके अलावा अक्षरा सिंह ने इससे पहले एक पोस्ट साझा कर सवाल किया था कि छठ पर्व में दउरा पुरुष ही क्यों घाट तक पहुंचाते हैं, महिला क्यों नहीं? अक्षरा ने इस पर्व और महिलाओं को लेकर सवाल किया है। अक्षरा ने सवाल उठाया कि महिलाएं छठ का दउरा क्यों नहीं उठा सकती है? उन्होंने लिखा, ''बनऽ न कवन देव कहरीया , दउरा घाटे पहुंचाय' ना जाने कितने साल से छठ का ये पारंपरिक गीत गाया जाता है और जब जब मैं इस गीत कि यह पंक्ति सुनती हूं तो मन में यह ख्याल आता है की जो महिला छठ पूजा के प्रत्येक रस्म को (खरना से समाप्ति तक) इतनी श्रद्धा और मेहनत से तीन दिन उपवास रखकर करती , उसी महिला को अपने माथे पे दउरा उठाकर घाट जाने की रस्म क्यों नहीं है? 

Editor's Picks