PATNA : उत्तर भारत के कई राज्यों में छठ पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। चार दिवसीय इस अनुष्ठान में छठी मैया और सूर्य देव की उपासना की जाती है। साथ ही इस त्योहार के पारंपरिक गीत भी खूब सुने जाते हैं। कई गीत सुनकर हम और आप मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। खासकर छठ घाटों और गली मुहल्लों में बजनेवाले इन गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। छठ पूजा में इस गीत को बेहद लोकप्रिय माना जाता है।
पटना के घाट पर हमहु अरगिया देब, हे छठी मइया।
पटना के घाट पर, हमहु अरगिया देब, हे छठी मइया।
हम ना जाइब दूसर घाट, देखब ऐ छठी मइया। हम ना जाइब दूसर घाट, देखब ऐ छठी मइया ॥
सूप लेले ठाड़ बाड़े, डोम डोमिनिया,देखब ऐ छठी मैया।
ओरि सुपे अरग देवाइब, देखब हे छठी मइया ॥
फूल लेले ठाड़ बाड़े, मलिन मलिनिया, देखब हे छठी मइया।
ओहि फुले हारवा गोथाइब, देखब हे छठी मइया ॥
केला सेब नरियल किने,गइनी हम बजरिया,देखब हे छठी मइया।
ओहि जगह होता देरिया, देखब हे छठी मइया ॥
भूल चूक हमरी मइया,राखब धिआनिया, देखब हे छठी मइया।
हमरो अरगिया देहब मान,देखब हे छठी मइया ॥
पटना के घाट पर, हमहु अरगिया देब,हे छठी मइया, हम ना जाइब दूसर घाट,देखब ऐ छठी मइया ॥
हम ना जाइब दूसर घाट,देखब ऐ छठी मइया ॥