BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने के मामले ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है, और इसके विरोध में डीएम और एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इसके साथ ही, छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी याचिका में मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई की तारीख तय कर सकता है।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी
इसी बीच, जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को पटना पुलिस ने गांधी मैदान में अवैध धरना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। प्रशांत किशोर अपने कार्यकर्ताओं के साथ BPSC परीक्षा में धांधली और बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी गिरफ्तारी से उनके समर्थकों में आक्रोश है।
कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर के समर्थन में उनके कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है। बांका जिला के धोरिया प्रखंड से मोहम्मद शहादत हुसैन ने कहा कि "प्रशांत किशोर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं और हम शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई अनुचित है।"
नीतीश कुमार सरकार की नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण अनशन
बांका जिला के जन सुराज पार्टी के प्रखंड उपाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि "नीतीश कुमार सरकार की नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण अनशन किया जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने बर्बरता दिखाई। 1974 के जेपी आंदोलन जैसा आंदोलन अब फिर से होगा और नीतीश कुमार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।"दूसरी ओर, पार्टी के युवा उपाध्यक्ष बलजीत सिंह बिट्टू ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के व्यवहार की आलोचना की और इसे 'गुंडागर्दी' बताया। उनका दावा है कि प्रशांत किशोर पर पुलिस ने हाथ उठाया और उनके समर्थकों को भी पीटा गया।