Dhanteras 2024: धनतेरस 2024 इस बार 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस का पर्व, जिसे 'धन त्रयोदशी' भी कहते हैं, दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है जो कि धन संपत्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में की गई खरीदारी का फल कई गुना होता है।
शुभ मुहूर्त:
त्रिपुष्कर योग: 29 अक्टूबर को सुबह 6:32 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर को सुबह 10:30 मिनट तक रहेगा। खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त: 29 अक्टूबर को सुबह 10:40 से 12 बजे तक (लाभ चौघड़िया), दोपहर 12 से 1:30 बजे तक (अमृत चौघड़िया), दोपहर 2 से 3 बजे तक (स्थिर लग्न), शाम 7:12 से 8:49 बजे तक (लाभ चौघड़िया)। बता दें कि, राहुकाल का समय: 29 अक्टूबर को दिन में तीन बजे से शाम 04 बजकर 30 मिनट बजे के बीच राहुकाल रहेगा। इस दौरान खरीदारी न करें।
क्या खरीदें:
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, जमीन, मकान, किचन के बर्तन, पूजा सामग्री (पीतल की वस्तुएं), झाड़ू, साबुत धनिया, श्रीयंत्र, गोमती चक्र खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन बर्तन विशेषकर पीतल और चांदी के खरीदे जाते हैं। पीतल स्वास्थ्य और आरोग्य का प्रतीक है, वहीं चांदी को चंद्रमा और कुबेर का धातु माना जाता है, जो जीवन में सुख, संपत्ति और शीतलता का संचार करता है।
धनतेरस पूजा:
धनतेरस की पूजा करने के लिए शाम को पांच दीपक सरसों के तेल के जलाएं। एक रसोई और एक घर के देहरी पर रखें। तीन दीपक पूजा स्थल पर रहने दें। आरती कर प्रसाद चढ़ाएं। साथ ही यम दीपक भी धनतेरस के दिन जलाएं। दरअसल, घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाकर दीपावली का शुभारंभ किया जाता है, जो समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है।
धनतेरस पूजा का मंत्र:
महालक्ष्मी का धन प्राप्ति मंत्र: ऊं श्रीं श्रीं हूं ऊं (कमलगट्टे की माला से 108 बार जाप)
कुबेर मंत्र: ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम (11 बार या एक माला)
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