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Bihar 2 New Rail Line: बिहार में 2 रेल लाइन बिछाने की कवायद तेज,इन 5 जिलों को होगा फायदा,साढ़े 4 करोड़ की लागत से होगा निर्माण...

लहेरियासराय-सहरसा और दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेल लाइन परियोजनाएं बिहार में रेल यातायात के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम हैं।

 Bihar 2 New Rail Line: बिहार में  2 रेल लाइन बिछाने की कवायद तेज,इन 5 जिलों को होगा फायदा,साढ़े 4 करोड़ की लागत से होगा निर्माण...
बिहार के जिलों में बिछेंगे रेलवे लाइन- फोटो : freepik

Bihar 2 New Rail Line: बिहार में रेल यातायात को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लहेरियासराय-सहरसा और दरभंगा-मुजफ्फरपुर के बीच दो नई रेल लाइनों का निर्माण प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य के भीतर रेल परिवहन की सुविधा और दक्षता में वृद्धि होगी। खासतौर पर यात्री ट्रेनों की लेट-लतीफी कम होगी, और लंबी दूरी की यात्रा तेज और समयबद्ध हो सकेगी।

लहेरियासराय-सहरसा रेललाइन परियोजना

परियोजना के तहत 98.250 किमी लंबी नई रेल लाइन का निर्माण किया जाना है।मार्च 2024 में 2680 करोड़ रुपए का डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेजा गया था, जिसे अधिक लागत के कारण अस्वीकृत कर दिया गया।लागत में 20% कटौती कर 2144 करोड़ रुपए का संशोधित। डीपीआर तैयार किया गया है।डीपीआर को अंतिम रूप देने का काम जारी है, और इसे जनवरी 2025 तक रेलवे बोर्ड को भेजे जाने की संभावना है।

संरचनात्मक बदलाव:

नए डीपीआर बड़े पुलों की संख्या 12 से घटाकर 10 कर दी गई है। वहीं छोटे पुलों की संख्या 78 से घटाकर 65 करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा रोड ओवरब्रिज और अंडरपास की संख्या में भी कमी। कुल 12 बड़े और 78 छोटे पुलों की योजना को संशोधित किया गया है।

लागत और एजेंसियां:

परियोजना की देखरेख समस्तीपुर मंडल के मुख्य कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार कर रहे हैं।रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार डीपीआर को कम लागत में तैयार किया जा रहा है।

दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेललाइन परियोजना

दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेललाइन की लंबाई 67.4 किमी तय की गई है। परियोजना से जुड़े सर्वे की जिम्मेदारी रुड़की की एक निजी एजेंसी को सौंपी गई थी। यह रेललाइन लहेरियासराय स्टेशन से पंडासराय, डिलाही, कोलहंटा पटोरी, माधोपुर पंडौल, घोसहमा, विद्यारोज, सिलौत, नारायणपुर अनंत होते हुए मुजफ्फरपुर जंक्शन तक जाएगी।इस परियोजना में 10 नए स्टेशन,27 क्रॉसिंग और 6 रेल पुल का निर्माण किया गया था। इस परियोजना की कुल लागत 2378 करोड़ रुपए आंकी गई है।

क्या आगामी कदम

रेलवे बोर्ड द्वारा डीपीआर बनाने के आदेश की प्रतीक्षा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर परियोजना के अनुमोदन के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।

परियोजनाओं से संभावित लाभ

यातायात सुधार: ट्रेनों की गति में वृद्धि और समय पर संचालन।

आर्थिक विकास: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार से आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन।

सुविधा विस्तार: यात्रियों के लिए आधुनिक और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव।

समय की बचत: तेज गति वाली ट्रेनों के माध्यम से लंबी दूरी की यात्रा में समय की बचत।

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