google maps navigation:बिहार का एक परिवार गोवा जाते समय गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए बेलागवी जिले के खानपुर तालुक के घने जंगल में फंस गया। परिवार में बच्चों समेत छह-सात सदस्य थे। रात भर वे अपनी कार में जंगल में फंसे रहे, जहां मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध नहीं था। खानपुर पुलिस इंस्पेक्टर मनोजुनाथ नायक ने बताया कि परिवार लगभग 8 किलोमीटर जंगल के अंदर था। शुक्रवार सुबह, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें बचाया।
गूगल मैप्स ने कैसे फंसाया?
परिवार खानपुर से गोवा की यात्रा कर रहा था और गूगल मैप्स का उपयोग कर रहा था।मैप्स ने उन्हें शिरोडगा और हेममडगा गांवों के बीच के रास्ते पर भेजा, जो उन्हें भीमघाड वन्यजीव क्षेत्र के अंदर ले गया। जंगल में 7 किलोमीटर अंदर जाने के बाद, मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं था, और वे किसी से संपर्क नहीं कर सके। परिवार ने रात भर अपनी कार में डर और अनिश्चितता के बीच जंगली जानवरों के बीच बिताई।
पुलिस और ग्रामीणों की मदद
अगले दिन, परिवार लगभग 3 किलोमीटर पैदल चलकर ऐसी जगह पहुंचा, जहां मोबाइल सिग्नल आया। उन्होंने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन पर कॉल किया। बेलागवी पुलिस कंट्रोल रूम ने खानपुर पुलिस को सूचना दी। GPS लोकेशन की मदद से पुलिस और ग्रामीणों ने परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। इंस्पेक्टर नायक ने कहा कि यह परिवार खुशनसीब था कि उन्हें समय पर नेटवर्क मिल गया।
पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
उत्तर प्रदेश के बरेली में कार नदी में गिर गई थी. 24 नवंबर को, उत्तर प्रदेश के बरेली में गूगल मैप्स के निर्देशों का पालन करते हुए एक कार अधूरे पुल से रामगंगा नदी में गिर गई। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बरेली में ही एक और घटना में, गूगल मैप्स की गलती से एक कार पानी की नहर में बह गई थी।
भालू के हमले वाला इलाका
भीमघाड वन्यजीव क्षेत्र, जहां यह परिवार फंसा था, जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है। हाल ही में, उसी इलाके में एक किसान पर भालू ने हमला किया था, जिसमें उसका पैर बुरी तरह से घायल हो गया था। वहीं गूगल मैप्स जैसे नेविगेशन टूल्स पर पूरी तरह निर्भर होने के बजाय:
स्थानीय जानकारी लें।
जोखिम वाले क्षेत्रों से बचें।किसी भी अनजान रास्ते पर जाने से पहले सावधानी बरतें। जंगल या नेटवर्क-विहीन क्षेत्रों में यात्रा करते समय वैकल्पिक मार्ग और सुरक्षा उपायों की योजना बनाएं।