GOPALGANJ - बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ भले सख्ती बरत रहे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें फर्क नहीं पड़ता है. बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले हेडमास्टर साहब सरेआम रिश्वत मांग रहे हैं। मामला गोपालगंज के थावे प्रखंड के रामचंद्रपुर मिडिल स्कूल का है. शिक्षकों का आरोप है कि संपत्ति का ब्योरा विभाग को भेजने के नाम पर हेडमास्टर ने पांच-पांच सौ रुपये घूस में मांगे थे. ।
शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने जब रिश्वत देने से इनकार कर दिया तो प्रधानाध्यापक से बहस होने लगी. इसके बाद अपनी कुर्सी से उठकर हेडमास्टर ने विरोध कर रहे सभी शिक्षकों को अपने कार्यालय में बंद कर दिया. बाहर से ताला लगा कर चले गए. कमरे में बंद शिक्षक शोर मचाने लगे. शोर सुनकर ग्रामीण पहुंचे. लगभग आधे घंटे तक यह सब चलता रहा. बाद से कमरा खुला और सभी शिक्षक बाहर आए.
मामले की जानाकरी मिलने के बाद से शिक्षा विभाग एक्शन में आ गया. दोषी हेडमास्टर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
सामने आया हेडमास्टर और शिक्षकों के बहस का वीडियो
बताया जाता है कि मिडिल स्कूल रामचंद्रपुर में कार्यरत कुछ नियमित शिक्षकों की संपत्ति का ब्योरा शिक्षा विभाग को भेजना था. इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक संजीव शंकर प्रसाद ने सभी शिक्षकों से कहा था कि पांच-पांच सौ देने होंगे. शिक्षकों ने इनकार कर दिया. इस बात को लेकर प्रधानाध्यापक और शिक्षकों में काफी बहस हुई. इसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कि कैसे बहस होने के बाद कुर्सी से उठकर प्रधानाध्यापक संजीव शंकर चले जाते हैं और कार्यालय का दरवाजा बंद कर देते हैं. कमरे में बंद शिक्षकों ने घटना का विडियो बनाया और डीपीओ को भेज दिया.
इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग के स्थापना के डीपीओ मो. जमालुद्दीन ने बताया कि हेडमास्टर संजीव कुमार पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले में थावे के बीईओ को जांच का आदेश दिया गया है. जांच रिपोर्ट आने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.