भूमि सुधार पर असर डाल रही दाखिल-खारिज प्रक्रिया, लाखों लंबित मामलों का हल खोज रही सरकार

बिहार के अंचल कार्यालयों में दाखिल-खारिज के लगभग 6 लाख मामले अब भी लंबित हैं, जो राज्य के राजस्व और भूमि सुधार प्रक्रियाओं में एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं। दाखिल-खारिज प्रक्रिया की धीमी गति और डिजिटाइज्ड जमाबंदी की सुस्त प्रगति ने भूमि दस्तावेजों के समय पर अद्यतन में बाधा डाली है। इस स्थिति का सीधा असर राज्य में चल रहे भूमि सर्वेक्षण पर पड़ रहा है, जिससे जमीन मालिकों की स्वघोषणा प्रक्रिया भी धीमी हो गई है।
दाखिल-खारिज के लंबित मामलों के प्रमुख कारण
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज के लंबित होने के प्रमुख कारणों में से एक आवेदनों में होने वाली त्रुटियों को बताया है। पहले इन त्रुटियों को अंचल अधिकारी अपने लॉग-इन के माध्यम से सुधार सकते थे, लेकिन इस सुविधा को बंद कर दिए जाने के बाद त्रुटिपूर्ण आवेदन वापस आवेदकों को भेजे जाने लगे, जिससे प्रक्रिया और भी धीमी हो गई। इन त्रुटियों के सुधार में समय लगने के कारण हजारों मामले लंबित हो गए हैं।
सुधार के लिए उठाए गए कदम
समस्या को हल करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब सॉफ्टवेयर में बदलाव किए हैं, जिससे त्रुटि जांच मॉड्यूल लागू होने से पहले के आवेदनों में पाई जाने वाली त्रुटियों को अंचल अधिकारी लॉग-इन के माध्यम से ही सुधार सकेंगे। इसके अतिरिक्त, अंचल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे दाखिल-खारिज के लंबित 70% मामलों का निपटारा नवंबर तक सुनिश्चित करें। परिमार्जन प्लस पोर्टल पर किए गए 50% आवेदनों का निपटारा अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।
पारदर्शिता और गुणवत्ता के लिए नए नियम
राजस्व कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग ने एक विशेष पोर्टल विकसित किया है। यह पोर्टल अंचल अधिकारियों को अपने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट दर्ज करने और निरीक्षण करने की सुविधा देता है। इससे न केवल अंचल कार्यालयों में होने वाले कार्यों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि दाखिल-खारिज प्रक्रिया को तेज और सुचारू बनाने में भी मदद मिलेगी।
भूमि सर्वेक्षण और विकास की दिशा में कदम
भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को बिना बाधित किए आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। दाखिल-खारिज के मामलों का निपटारा तेजी से करने के लिए अंचल अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि भूमि स्वामित्व की स्थिति साफ हो सके और राज्य में भूमि सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सके। सरकार की प्राथमिकता है कि दाखिल-खारिज के लंबित मामलों का जल्द समाधान हो, ताकि भूमि सर्वेक्षण और राजस्व सुधार प्रक्रिया को गति मिल सके और विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें