Bihar News: बिहार में मौसम की निगरानी और सटीक पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर वेदर रडार नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। पूर्णिया और दरभंगा के साथ-साथ मालदा और बनारस में भी इन रडारों को स्थापित किया जाएगा। इससे राज्य के दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम के जिलों के लिए अधिक सटीक मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने यह जानकारी पटना में विभाग के 150वें स्थापना दिवस पर दी। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी पंचायतों तक मौसम की सही जानकारी पहुंचाने के लिए स्वचालित मौसम मशीनें लगाई जाएंगी। इस पहल से मौसम विभाग के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ठंड के मौसम में विजिबिलिटी की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल शुरू की है। विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि देश के गांवों में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से सटीक मौसम आंकड़े जुटाए जाएंगे, जिससे किसानों, आम लोगों और आपदा प्रबंधन विभाग को बेहतर जानकारी मिल सकेगी। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार 2000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
साथ ही, नेपाल की नदियों से आने वाली आपदाओं की सटीक जानकारी के लिए मौसम विज्ञान विभाग रडार लगाएगा। इससे बाढ़ और अन्य आपदाओं के पूर्वानुमान में सहायता मिलेगी।
मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को और मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है। जलवायु परिवर्तन से लड़ने और पटना को हरा-भरा बनाने के लिए मरीन ड्राइव पर एक लाख पौधे लगाने की महत्वाकांक्षी योजना है। यह जानकारी सम्राट चौधरी ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल और पटना मौसम विज्ञान केंद्र के 50 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यशाला में दी।
इस अवसर पर, पटना एयरपोर्ट पर एयरोड्रम ऑटोमेटिक वेदर कार्यालय और स्वचालित मौसम अवलोकन प्रणाली का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया गया। इस नए सिस्टम से एयरपोर्ट को मौसम की लाइव जानकारी मिल सकेगी, जिसमें सतह का तापमान भी शामिल है। इससे विमानों के उड़ान और उतरने के दौरान होने वाले जोखिम को कम किया जा सकेगा।