Village Road Construction: बिहार सरकार ने गांवों की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों के मानकों के अनुरूप बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत सड़क निर्माण में स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए मानकों में बदलाव किया जाएगा। मुख्य बदलावों में यातायात भार का आकलन, सड़क की मोटाई बढ़ाना, और निर्माण कंपनियों की रखरखाव जिम्मेदारी को सात साल तक बढ़ाना शामिल है।
सड़क निर्माण में नए बदलाव
ग्रामीण सड़कों पर भारी वाहनों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए, उनकी मोटाई को मौजूदा 8-11 इंच से बढ़ाकर 17-19 इंच किया जाएगा। इसके साथ ही, सड़कों की चौड़ाई को 12 फीट से बढ़ाकर 16 फीट किया जाएगा। सड़क निर्माण में शामिल ठेकेदारों को तत्काल मरम्मत के लिए सड़क एम्बुलेंस की सुविधा दी जाएगी, ताकि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत त्वरित रूप से की जा सके। लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
ट्रैफिक दबाव वाले मार्गों की पहचान
सरकार ने इंजीनियरों को उन ग्रामीण सड़कों की पहचान करने का निर्देश दिया है, जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक है। इन सड़कों को वैकल्पिक मार्गों के रूप में उपयोग किया जा सकता है, विशेष रूप से राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर जाम की स्थिति में। ऐसे मार्गों की मोटाई और चौड़ाई बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
बिहार सरकार ने 12,800 सड़कों के स्थलाकृति सर्वेक्षण और 11,350 सड़कों के यातायात विश्लेषण सहित एक व्यापक अध्ययन किया है। इसके परिणामों का उपयोग ग्रामीण सड़कों की अवसंरचना को उन्नत करने के लिए किया जाएगा। पक्के निर्माण और बढ़ती मांगों को देखते हुए यह बदलाव ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
ग्रामीण विकास की प्रतिबद्धता
यह पहल बिहार सरकार की ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बुनियादी ढांचे के अंतर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई सड़कें न केवल यातायात दबाव का सामना करेंगी, बल्कि परिवहन के लिए सुरक्षित और सुगम मार्ग भी प्रदान करेंगी।