पटना: पटना AIIMS के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़े एक्शन में हटा दिया है। उन पर अपने बेटे के लिए नकली जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप था। गोपाल कृष्ण पाल पर आरोप है कि एम्स गोरखपुर के अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए इन्होंने अपने बेटे आरोप अल का नामांकन पीजी में करा दिया था। इसमें अपने पुत्र का प्रमाण पत्र नॉन क्रीमी लेयर के तहत बना कर कराया था।
क्या है पूरा मामला?
डॉ. गोपाल कृष्ण पाल पर आरोप है कि जब वे एम्स गोरखपुर के अतिरिक्त प्रभार में थे, तब उन्होंने अपने बेटे डॉ. ऑरो प्रकाश पाल का दाखिला माइक्रोबायोलॉजी में कराया था। इस दाखिले के लिए उन्होंने अपने बेटे के लिए नॉन-क्रीमी लेयर का एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। इस मामले की जांच के लिए एक दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने पाया कि डॉ. पाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और उन्होंने यह प्रमाण पत्र अपने बेटे को दाखिला दिलाने के लिए बनवाया था।
क्यों हटाए गए डॉ. पाल?
जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉ. पाल को उनके पद से हटा दिया है। डॉ. पाल पर आरोप साबित होने के कारण यह कार्रवाई की गई है। जानकारी अनुसार दो सदस्यीय कमेटी ने डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल को उनके आधिकारिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की सिफारिश पहले की थी जिसके बाद अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐक्शन लिया है।
पटना एम्स के नए निर्देशक
एम्स पटना के नए निदेशक के रूप में डॉ. सौरभ वार्ष्णेय को नियुक्त किया गया है एम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय को 3 माह के लिए अथवा नए डायरेक्टर की नियुक्ति तक एम्स पटना का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। वहीं डॉ. पाल के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी रहेगी। हालांकि डॉ. पाल ने सभी आरोपों क गलत बताया है।