PATNA - पटना हाईकोर्ट ने रोहतास स्थित मां तारा चंडी मंदिर के प्रबंधन हेतु बनाई न्यास समिति को अवैध ठहराया है।जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय ने महंत उदय कुमार गिरी व अन्य के द्वारा दायर रिट याचिकायों को निष्पादित करते हुए बिहार हिन्दी धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा गठित 11 सदस्यीय न्यास समिति को निष्क्रिय करार दिया।
कोर्ट ने न्यास बोर्ड को ये भी निर्देश दिया कि अगले छह महीने में उक्त का तारा चंडी मंदिर के प्रबंधन हेतु नई न्यास समिति गठित करें। हाई कोर्ट के द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुपालन में हो । गौरतलब है कि बिहार के तमाम सार्वजनिक मंदिर, मठ या ठाकुरबाड़ी हेतु न्यास समिति बनाने हेतु पटना हाई कोर्ट ने 23 जुलाई,2024 को 15 सूत्री दिशा निर्देश जारी किए थे ।
जस्टिस पांडेय ने याचिकाकर्ताओं व न्यास बोर्ड के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद ये पाया कि न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने गत 28 अगस्त को जय मां तारा चंडी नामक 11 सदस्यीय जो न्यास समिति गठन किया था, वह हाईकोर्ट के उक्त दिशा निर्देश के उल्लंघन में था ।
हाई कोर्ट ने ये भी पाया कि निर्दिष्ट दिशा निर्देश के तहत न तो स्थानीय अखबार में न्यासी नियुक्त करने हेतु कोई आम सूचना प्रकाशित हुई थी।न ही इच्छुक उम्मीदवारों के अपराधिक इतिहास की पड़ताल कर संबंधित जिला अधिकारी और अनुमंडल अधिकारी ने योग्य उम्मीदवारों की कोई सूची न्यास बोर्ड को भेजा था । हाई कोर्ट ने धार्मिक न्यास बोर्ड को यह छूट दिया कि जब तक छह महीने में माँ तारा चंडी मंदिर के लिए नई न्यास समिति गठित होती है, तब तक इस मंदिर के लिए अस्थाई न्यासी की नियुक्ति कर सकती है ।