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PATNA HIGH COURT NEWS : पटना हाईकोर्ट से आईएएस अधिकारी संजीव हंस को नहीं मिली राहत, विशेष निगरानी मामले में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से किया इंकार

PATNA HIGH COURT NEWS: पटना हाईकोर्ट से आईएएस अधिकारी संजीव हंस को कोई राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या 5/24 के कार्रवाई पर दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।

संजीव हंस की बढ़ी मुश्किल
संजीव हंस को नहीं मिली राहत - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने फिलहाल सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ दर्ज विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या 5/24 के कार्रवाई पर दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।कोर्ट ने विशेष निगरानी इकाई को अपना आपत्ति दाखिल करने का आदेश दिया। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने इस मामलें पर सुनवाई की। 

आवेदक की ओर से अधिवक्ता सूरज समदर्शी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 12, 13 (1) (ए), 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 और 318 (4) के तहत बिशेष निगरानी इकाई थाना में दर्ज कांड संख्या 5/24 को रद्द करने का अनुरोध कोर्ट से किया।उनका कहना था कि हाल के दिनों में हाईकोर्ट ने बलात्कर सहित अन्य धाराओं में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है।

इस केस के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच की।प्रवर्तन निदेशालय पटना जोनल कार्यालय ने अपने पत्र संख्या ईसीआईआर/पीटीजेडओ/04/2024/714 दिनांक 28.08.2024 के माध्यम से विशेष सतर्कता इकाई को कुछ जानकारी साझा की। उस जानकारी के आधार पर विशेष निगरानी इकाई ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 61, 318 (4) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7, 12, 13 (1) (ए), 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत दिनांक 14.09.2024 को विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या 5/2024 दर्ज की।

उनका कहना था कि बगैर तथ्यों की पुष्टि किए बिना और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी में कोई प्रारंभिक जांच किए बिना विशेष निगरानी इकाई ने केस दर्ज कर लिया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व में एक केस दर्ज होने के कारण यह केस दर्ज करना कानून गलत है। उन्होंने फिलहाल इस केस में अंतरिम संरक्षण देने का अनुरोध किया। वही विशेष निगरानी इकाई के वकील राणा विक्रम सिंह और राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता सुमन कुमार झा ने अर्जी का विरोध किया। उन्होंनें अपना जबाब दायर करने के लिए समय देने की मांग की। सभी पक्षों की ओर से पेश दलीलों पर विचार करते हुए कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 13 नवम्बर,2024 तय की।

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