Patna - बिहार की राजनीति में एक और समाजसेवी की इंट्री होने वाली है। ‘सन ऑफ मिथिला’ के नाम से प्रसिद्ध समाजसेवी संजीव मिश्रा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) में शामिल होने वाले हैं। वे 7 दिसंबर को पटना में आयोजित मिलन समारोह में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता लेंगे। राजधानी के अलग-अलग जगहों पोस्टर भी लग गये हैं।
छातापुर से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
संजीव मिश्रा छातापुर विधानसभा सीट से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल, संजीव मिश्रा की समाज में गहरी पैठ और व्यापक लोकप्रियता को देखते हुए, यह कदम वीआईपी पार्टी और महागठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक रणनीति रणनीति है विशेषकर कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के क्षेत्रों में महागठबंधन कोे इससे लाभ मिल सकता है।
महागठबंधन को मिलेगा मजबूती
मुकेश सहनी ने महागठबंधन के भीतर अपने गठबंधन को मजबूती देने का संकल्प लिया है। संजीव मिश्रा का वीआईपी में शामिल होना महागठबंधन के लिए एक बड़े राजनीतिक लाभ की तरह देखा जा रहा है। उनके शामिल होने से महागठबंधन की स्थिति कोसी और सीमांचल क्षेत्रों में मजबूत हो सकती है, जो चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदल देगा।
नेपाल में भी मिला चुका है सम्मान
संजीव मिश्रा को हाल ही में नेपाल में उनके समाज सेवा कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है ।जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनी। पनोरमा स्पोर्ट्स सीजन 7 के समापन समारोह में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें अपनी पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। अब संजीव मिश्रा का राजनीति में कदम महागठबंधन को नई दिशा और ताकत दे सकता है।
विभिन्न जातियों और समुदायों में व्यापक समर्थन
संजीव मिश्रा, जो पनोरमा ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, रियल एस्टेट, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उनका कार्यक्षेत्र केवल ब्राह्मण समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि वह विभिन्न जाति और समुदायों को साथ लेकर काम करते हैं। उनके नेतृत्व में समाज में समरसता और समानता को बढ़ावा मिलता है। यही कारण है कि उन्हें विभिन्न जातियों और समुदायों में व्यापक समर्थन मिलता है। उनकी राजनीति में समानता, समाजवाद और समरसता की भावना को देखते हुए, महागठबंधन को भी चुनावी सफलता की उम्मीद हो सकती है।
वीआईपी पार्टी को मिलेगी मजबूती
संजीव मिश्रा के वीआईपी पार्टी में शामिल होने से न केवल उनकी व्यक्तिगत राजनीति के लिए, बल्कि वीआईपी पार्टी के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उनकी लोकप्रियता और समाज में सम्मान का लाभ वीआईपी को कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल में ब्राह्मण मतदाताओं के रूप में मिल सकता है। जिससे महागठबंधन के वोट बैंक में इजाफा हो सकता है। संजीव मिश्रा का समाज में गहरा प्रभाव, समाज सेवा के प्रति उनका समर्पण और उनके नेतृत्व की विशेषता उन्हें राजनीति में एक सम्मानित चेहरा बना चुकी है। उनकी उपस्थिति महागठबंधन के लिए एक रणनीतिक जीत साबित हो सकती है। जो तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के अभियान को भी मजबूती दे सकती है।