PATNA - राज्यसभा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय संगत-पंगत के संस्थापक डॉ आरके सिन्हा की अगुवाई में राष्ट्रीय संगत-पंगत की रथयात्रा आज यहां आदि चित्रगुप्त मंदिर, नौजर घाट, पटना सिटी से बक्सर जिला के मुरार गांव के लिए रवाना हुई। रथयात्रा में दिल्ली, कानपुर, मिरजापुर, जौनपुर, वाराणसी समेत देश के कई हिस्सों से काफी संख्या में लोग 30 से अधिक गाड़ियों में शामिल हैं।
इस अवसर पर डॉ सिन्हा ने कहा कि हमारी रथयात्रा का पूरी तरह गैर राजनीतिक है। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को बिहार की विभूतियों की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह रथयात्रा पटना, भोजपुर और बक्सर जिले से होकर गुजरेगी। इसके अंतर्गत हमलोग बिहार निर्माता और भारतीय संविधान सभा के पहले अध्यक्ष रहे स्व डॉ सच्चिदानंद सिन्हा के जन्मस्थान मुरार, लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थान सिगरौल लख और हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार तथा मूर्धन्य संपादक आचार्य शिवपूजन सहाय के पैतृक गांव इटाढ़ी प्रखण्ड के उनवास तक जाएंगे। रथयात्रा का अगला चरण राष्ट्रीय संगत-पंगत की बैठक में तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धीरे - धीरे हम देशभर में जाएंगे।
रथयात्रा का पहला पड़ाव कदम कुआं स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण का आवास (अब महिला चरखा समिति का कार्यालय) रहा जहां डॉ आरके सिन्हा समेत कई गणमान्य लोगों ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रभा - जयप्रकाश स्मृति संग्रहालय के प्रभारी अमिताभ रंजन और सुजाता वर्मा ने डॉ सिन्हा की अगवानी की।
रथयात्रा का दूसरा पड़ाव सिन्हा लाइब्रेरी रहा, जहां डॉ आरके सिन्हा ने बिहार निर्माता और संविधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां सिन्हा लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन अंजय कुमार ने डॉ सिन्हा का स्वागत किया। आखिर में संगत-पंगत के रथयात्री बांस घाट स्थित देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की समाधि स्थल पहुंचे, जहां डॉ आर के सिन्हा ने राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। तत्पश्चात संगत-पंगत की रथयात्रा भोजपुर जिले के बहियारा के लिए रवाना हो गई। आज रात्रि विश्राम बहियारा में करने के बाद यात्रा कल अपने गंतव्य मुरार और सिगरौल लख पहुंचेगी। कल रात्रि विश्राम बक्सर में करने के बाद अगले दिन रथयात्रा उनवास पहुंचेगी, जहां आचार्य शिवपूजन सहाय का पैतृक गांव है।