Migration in Bihar for Job: बिहार में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। विदेश जाने वाले बिहार के अधिकांश लोग रोजगार की तलाश में होते हैं। सीवान जिला बिहार में विदेश जाने के मामले में सबसे आगे है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय पटना के आंकड़ों के अनुसार, सीवान से सबसे अधिक लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति रोजगार की तलाश में विदेश जाने की इच्छा को दर्शाती है।
गोपालगंज का दूसरा स्थान
गोपालगंज जिला दूसरे स्थान पर है। यहाँ भी बड़ी संख्या में लोग विदेश जाकर काम करने की इच्छा रखते हैं। इस जिले के निवासियों ने भी पासपोर्ट बनाने के लिए काफी आवेदन किए हैं, जो उनकी विदेश यात्रा की आकांक्षा को दर्शाता है।
पटना का तीसरा स्थान
पटना, जो कि बिहार की राजधानी है, इस सूची में तीसरे स्थान पर आता है। यहाँ भी पासपोर्ट बनाने वालों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन यह सीवान और गोपालगंज से कम है।
पासपोर्ट सेवा की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा की वर्ष 2024 की रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार बिहार में वर्ष 2024 में 402045 पासपोर्ट बने हैं। जबकि, 422914 आवेदन आए थे। वर्ष 2023 के मुकाबले 17,193 अधिक पासपोर्ट बने हैं। पासपोर्ट बनाकर विदेश जाने
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट
30 प्रतिशत पासपोर्ट के आवेदन सीवान, गोपालगंज और पटना से प्राप्त होते हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनाने में सीवान और गोपालगंज सबसे आगे हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, गोपालगंज और सीवान में श्रम संसाधन विभाग के सहयोग से मोबाइल वैन कैंप का आयोजन किया जा रहा है। पटना, गोपालगंज, मधुबनी, सीवान और छपरा क्षेत्रों से फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पासपोर्ट बनाने और विदेश भेजने के नाम पर पिछले एक वर्ष में 500 लोगों से ठगी की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र होंगे स्थापित
हर घर पासपोर्ट सेवा के अंतर्गत सभी लोकसभा क्षेत्रों में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। अब तक राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्रों में से 35 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, पटना और दरभंगा में दो पासपोर्ट सेवा केंद्र कार्यरत हैं। नए वर्ष में तीन नए स्थानों पर पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले जाने की योजना है, जिनमें झंझारपुर के राजनगर, वैशाली के भखड़ा और वाल्मीकिनगर के रामनगर शामिल हैं। पासपोर्ट सेवा में सबसे बड़ी चुनौती पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) प्राप्त करना है। राज्य में 24909 पीसीसी के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। पुलिस थानों में पीसीसी प्राप्त करने में औसतन 12 दिन का समय लग रहा है। खगड़िया में यह प्रक्रिया सबसे तेज है, जहां 5 दिन लगते हैं। नालंदा में 6 दिन, पूर्णिया में 7 दिन, औरंगाबाद में 7 दिन और किशनगंज में 8 दिन का समय लग रहा है।