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बिहार के इस बड़े नेता ने कभी 250 रुपए से की थी बिजनेस की शुरुआत,आज 8 हजार करोड़ से भी ज्यादा का करोबार...

आरके सिन्हा की कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और सही अवसर का उपयोग कैसे किसी को सफल बना सकता है।

बिहार के इस बड़े नेता ने कभी 250 रुपए से की थी बिजनेस की शुरुआत,आज 8 हजार करोड़ से भी ज्यादा का करोबार...
आरके सिन्हा की सफल कहानी- फोटो : social media

RK Sinha news: आरके सिन्हा, जिन्हें रविंद्र किशोर सिन्हा के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के एक सीमित संसाधनों वाले परिवार से निकलकर एक सफल व्यवसायी और राजनेता बने हैं। उनकी सफलता की कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक है। 3 नवंबर को पटना में चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उनके पैर छूने की घटना के बाद वे अचानक चर्चा में आ गए। इस अद्वितीय घटना के बाद से ही आरके सिन्हा और उनकी कंपनी सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (एसआईएस) पर लोगों का ध्यान केंद्रित हो गया है।


प्रारंभिक जीवन और पत्रकारिता की शुरुआत

आरके सिन्हा का जन्म पटना में हुआ था, जहां सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने 1971 में राजनीति विज्ञान में डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे एक प्रकाशन में प्रशिक्षु रिपोर्टर के रूप में काम करने लगे। इसी दौरान 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की रिपोर्टिंग के लिए उन्होंने मोर्चे पर जाकर काम किया, जिससे उनकी मित्रता बिहार रेजिमेंट के सैनिकों से हो गई। बाद में, जब वे 1973 में जेपी आंदोलन से जुड़े, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।


एसआईएस की स्थापना: एक छोटा कदम, बड़ा बदलाव

पत्रकारिता की नौकरी से निकाले जाने के बाद, सिन्हा को 250 रुपये मिले, जो उनकी दो महीने की सैलरी थी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। इसी दौरान उनके एक दोस्त ने उन्हें सुरक्षा एजेंसी शुरू करने का सुझाव दिया, क्योंकि उनके प्रोजेक्ट साइट की सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों की जरूरत थी। सिन्हा ने अपने पुराने संपर्कों के जरिए पूर्व सैनिकों से संपर्क किया और फरवरी 1974 में पटना में एक छोटे गैराज में एसआईएस की शुरुआत की। एक साल के भीतर ही एसआईएस के कर्मचारियों की संख्या 250-300 हो गई और टर्नओवर एक लाख रुपये तक पहुंच गया। इसके अलावा उनकी कुल संपत्ति 8 हजार करोड़ से भी ज्यादा है।


एसआईएस का विस्तार और ऑस्ट्रेलिया में अधिग्रहण

कुछ वर्षों में ही एसआईएस भारत की अग्रणी निजी सुरक्षा कंपनी बन गई। अपनी सफलता के बाद, एसआईएस ने 300 मिलियन डॉलर में ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी, चब सिक्योरिटी का अधिग्रहण किया। इस सौदे के लिए एसआईएस ने न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड डीई शॉ को अपनी 14% हिस्सेदारी बेच दी। इसके साथ ही एसआईएस सुरक्षा सेवा में पहली भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी बन गई।


मौजूदा स्थिति और SIS की उपलब्धियां

आज एसआईएस समूह एशिया प्रशांत क्षेत्र में मैनपावर सुरक्षा में अग्रणी है, जिसके 36,000 से अधिक स्थायी कर्मचारी और 3000 से अधिक कॉर्पोरेट ग्राहक हैं। एसआईएस को सबसे अधिक राजस्व ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त होता है और इसकी कई सहयोगी कंपनियाँ जैसे कि एसएलवी, टेक एसआईएस, यूनिक डिटेक्टिव एंड सिक्योरिटी सर्विस लिमिटेड आदि इसका हिस्सा हैं।


राजनीति में सक्रिय भूमिका

आरके सिन्हा न केवल एक सफल व्यवसायी हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वे राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं और राजनीति में उनकी सक्रिय भूमिका भी रही है।


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