Solar Storm: सूर्य से निकले कोरोनल मास इजेक्शन के कारण एक शक्तिशाली सौर तूफान पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है.कोरोनल मास इजेक्शन सूर्य की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के बड़े रिलीज को संदर्भित करता है. यह घटना सूर्य के 11-वर्षीय चक्र के चरम पर हो रही है, जिसे सोलर मैक्सिम कहा जाता है. इस दौरान, सूर्य की गतिविधियाँ अधिकतम होती हैं और इससे भू-चुंबकीय तूफान उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है.
सौर तूफानों के कारण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर ध्रुवीय ज्योति देखने को मिल सकती हैं. इसके अतिरिक्त, यदि ये तूफान अधिक शक्तिशाली होते हैं तो इससे उपग्रहों और पावर ग्रिड्स को नुकसान पहुँच सकता है.
इस तूफान का प्रभाव भारत पर अपेक्षाकृत कम रहने की संभावना है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने बताया कि हाल ही में आए सौर तूफान का भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ा क्योंकि जब यह तूफान अपने चरम पर था, तब आयनमंडल पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था इसके अलावा, भारत निचले अक्षांशों पर स्थित है, जिससे यहाँ बड़े पैमाने पर बिजली कटौती या अन्य गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होने की संभावना कम है.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है जो अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास में अग्रणी भूमिका निभाती है. यह सौर गतिविधियों और उनके संभावित प्रभावों पर अनुसंधान करती रहती है.
इस प्रकार के सौर तूफानों का प्रभाव संचार और जीपीएस सिस्टम पर पड़ सकता है। इसलिए, वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में और भी कोरोनल मास इजेक्शन हो सकते हैं जो पृथ्वी को प्रभावित कर सकते हैं.