29 अक्टूबर 2024, मंगलवार को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को आता है, जिसे विशेष रूप से आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन न केवल धन के लिए बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर भगवान धनवंतरी का पूजन करने से सभी प्रकार के रोग और दुख दूर होते हैं, और जीवन में समृद्धि का प्रवेश होता है। धनतेरस का पर्व भगवान धनवंतरी के आयुर्वेद के प्राकट्य के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिससे समस्त मानव जाति को रोगों से मुक्ति प्राप्त करने का उपाय मिला। इसी कारण धनतेरस को स्वास्थ्य, आरोग्य और समृद्धि का पर्व माना गया है। विशेष रूप से इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी और धन संपत्ति खरीदने का महत्व मानते हैं, क्योंकि इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है।
धनतेरस पर करें यमराज का दीपदान और पाएं विशेष आशीर्वाद
धनतेरस पर यमराज के दीपदान का महत्व भी बहुत बड़ा है। शाम के समय, घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर यमराज का स्मरण करना चाहिए। यमराज की प्रसन्नता हेतु दीपदान करते समय मृत्युना पाशदण्डाभ्याम् कालेन श्यामया सह । त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥ मंत्र का जाप करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस मंत्र का अर्थ है: त्रयोदशी के दिन इस दीपदान से पाश और दण्डधारी मृत्यु के देवता यमराज, देवी श्यामला के साथ मुझ पर प्रसन्न हों। इस प्रकार दीपदान करने से व्यक्ति पर यमराज की कृपा होती है और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। यह धार्मिक परंपरा घर में सुख-शांति और कल्याण को बढ़ावा देती है।
धनतेरस पर क्यों करें नए सामान की खरीदारी?
धनतेरस पर नए बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण, और संपत्ति की खरीदारी शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी से लक्ष्मी माता का वास होता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। इसलिए लोग इस दिन बड़े उत्साह के साथ बाजार जाते हैं और अपनी क्षमता अनुसार नई वस्तुएं खरीदते हैं।
- सोना-चांदी: सोने-चांदी की खरीदारी से परिवार में स्थायी समृद्धि आती है और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद बना रहता है।
- बर्तन: धनतेरस पर बर्तन खरीदना भी शुभ माना गया है। इससे घर में अन्न-समृद्धि होती है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- धनवंतरी पूजा सामग्री: इस दिन धनवंतरी पूजा के लिए तुलसी, गंगाजल, चावल, और दीपक आदि का प्रयोग कर भगवान धनवंतरी का पूजन करें।
धनतेरस पर विशेष पूजा विधि
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी का पूजन अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा विधि इस प्रकार है:
- स्थान की शुद्धि: पूजा स्थल को शुद्ध कर तुलसी के पत्तों और गंगाजल से पवित्र करें।
- धनवंतरी का आवाहन: भगवान धनवंतरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर उनके चरणों में फूल, चंदन, और जल अर्पित करें।
- दीपक जलाना: भगवान यमराज के लिए एक दीपक जलाकर उपरोक्त मंत्र का जाप करें।
- आरोग्य के लिए प्रार्थना: भगवान धनवंतरी से अपने और परिवार के स्वास्थ्य, सुख-शांति, और समृद्धि की प्रार्थना करें। आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग कर भगवान धनवंतरी से रोगों से मुक्त होने का आशीर्वाद मांगें।
धनतेरस पर आयुर्वेद का महत्व
धनतेरस भगवान धनवंतरी का प्रकटोत्सव है, जो आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। इस दिन आयुर्वेदिक औषधियों और स्वास्थ्य के लिए विशेष उपाय करने की परंपरा है। ऐसे में धनतेरस पर नीम, तुलसी, और गिलोय जैसे औषधीय पौधों का सेवन लाभकारी माना जाता है। यह दिन हमें स्वास्थ्य और आरोग्य के प्रति जागरूक होने का संदेश देता है। धनतेरस केवल धन और स्वास्थ्य का पर्व नहीं है बल्कि यह परिवार के साथ खुशी और समृद्धि बांटने का भी दिन है। इस दिन का महत्त्व परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर खुशियाँ मनाने में है। सभी लोग एक साथ मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं, नए सामान खरीदते हैं, और एक दूसरे को धन-धान्य और खुशहाली की शुभकामनाएं देते हैं।
धनतेरस का यह पर्व आपके जीवन में लाए सुख, समृद्धि और आरोग्यता का आशीर्वाद
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की आराधना और यमराज के लिए दीपदान करने से पापों का नाश होता है, जीवन में शांति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस धनतेरस पर उपरोक्त परंपराओं का पालन कर अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाएं। भगवान धनवंतरी की कृपा से आपके जीवन में धन, स्वास्थ्य और खुशियों की कोई कमी न हो