बिहार में यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में सख्ती बढ़ने वाली है। परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है कि चालान काटे जाने के बाद वाहन मालिकों को उसे 90 दिनों के भीतर जमा करना होगा। यदि चालान जमा नहीं किया गया, तो संबंधित वाहन को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। विभागीय समीक्षा में यह पाया गया है कि कई चालक चालान कटने के बाद भी महीनों तक जुर्माना नहीं भर रहे हैं, जिससे विभाग ने यह कठोर निर्णय लिया है। परिवहन अधिकारियों के अनुसार, यदि कोई वाहन ब्लैकलिस्ट हो जाता है, तो उसका फिटनेस, प्रदूषण प्रमाण पत्र, और ऑनरशिप ट्रांसफर जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज अपडेट नहीं किए जा सकेंगे। यह कदम विभाग द्वारा उठाया गया है ताकि यातायात नियमों की अनदेखी करने वाले चालकों पर अंकुश लगाया जा सके।
350 एएनपीआर कैमरों का लक्ष्य: सड़क पर निगरानी बढ़ेगी
सुरक्षा और निगरानी के उद्देश्य से बिहार राज्य में 350 एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरे लगाए जाएंगे। परिवहन विभाग ने इस कार्य की शुरुआत कर दी है, और अगले वर्ष अप्रैल तक यह लक्ष्य पूरा करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें यह रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजनी होगी कि किस स्थान पर कैमरा लगाना आवश्यक है। नए नियमों के अंतर्गत, चालान कटने पर अब वाहन मालिकों को उनके मोबाइल पर ई-चालान का मैसेज मिल जाएगा। इससे उन्हें तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि उनका चालान कटा है। इस व्यवस्था की निगरानी के लिए गांधी मैदान के पास कंट्रोल एंड कमांड सेंटर भी स्थापित किया गया है, जिससे राजधानी के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था पर नजर रखी जा सकेगी।
पटना में एएनपीआर कैमरे कहां लगेंगे?
पटना में एएनपीआर कैमरों को विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थापित किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
- चिरैयाटाड़ चौधरी पेट्रोल पंप
- आरएन सिंह मोड़
- राजा पुल
- भूतनाथ रोड
- 90 फीट सड़क
- एम्स गोलंबर
- अटल पथ पर आर ब्लॉक के पास
- दीघा-सोनपुर पुल के पास
इन कैमरों के माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर ई-चालान जारी किया जाएगा, जैसे कि हेलमेट या सीट बेल्ट नहीं पहनना, ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करना, ओवर स्पीडिंग, और ट्रिपल राइडिंग।
सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ी जिम्मेदारी
इस नई व्यवस्था के तहत, अब वाहन चालकों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा। यदि वे यातायात नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें न केवल आर्थिक जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि उनकी गाड़ी भी ब्लैकलिस्टेड हो सकती है। यह कदम राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए उठाया गया है।