PATNA : बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है. बिहार सरकार के विधि विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें की इसकी अधिसूचना 27 दिसंबर को जारी की गयी. इसके ठीक दो दिन बाद बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे आचार्य किशोर का निधन हो गया.
विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है की बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद एवं इसके अध्यक्ष के द्वारा वर्धमान परिस्थिति में अपने वैधानिक कर्तव्यों का समुचित रूप से निर्वहन नहीं करने तथा बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम, 1950 (यथासंशोभित) के तहत सौंपे गये कर्त्तव्यों के संपादन में लगातार लापरवाही किये जाने के कारण राज्य सरकार बिहार राज्य धार्मिक म्यास पर्षद को विघटित किया जाता है. साथ ही पर्षद के विधिवत गठित होने तक सचिव-सह-विधि परामर्श, बिहार को बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम, 1950 (यथासंशोभित) की धारा-8(क) के प्रावधानानुसार बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद का "प्रशासक" नियुक्त किया जाता है।
बता दें की राज्य के तमाम हिन्दू धार्मिक न्यास जो सार्वजनिक (पब्लिक ) प्रकृति के हैं उन सबों का प्रबंधन व देख रेख राज्य की यही न्यास बोर्ड करती है। गठित किये बोर्ड का कार्यकाल 5 साल का होता है। आचार्य किशोर कुणाल ने इस बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहते कई विवादों का निपटारा किया था।