KAIMUR : उत्पाद विभाग की टीम द्वारा उत्तर प्रदेश से कैमूर में प्रवेश करने के दौरान वाहनों के सघन जांच का दावा किया जाता है। जिससे की शराब के परिवहन पर रोक लगाई जा सके। लेकिन उत्पाद विभाग के दावे कुछ और ही है। जांच में लगी उत्पाद विभाग की टीम में एक एएसआई और दो सिपाही के बदौलत देश के व्यस्ततम सड़क एनएच दो पर जांच के नाम पर कोरम पूरा करती है।
यहां मौजूद पदाधिकारी और सिपाही का दावा है कि वह दूर से ही आ रही गाड़ियों को देखकर आकलन कर लेते हैं कि उसमें शराब है या नहीं। उस आधार पर वह समेकित चेक पोस्ट मोहनिया के पास वाहनों की जांच करते हैं। ऐसे तो सभी गाड़ियों को जांच करने के बाद ही आगे जाने का निर्देश प्राप्त है। लेकिन कुछ गाड़ियों की जांच करते हैं कुछ गाड़ियां बगल से बिना जांच किए हुए ही आसानी से निकलती दिख रही है। तभी तो बिहार में लगातार शराब की खेप बरामद हो रही है। कैमूर में उत्पाद टीम पर पहले से भी कई सवालिया निशान उठाते आए हैं। उत्पाद विभाग के तैनात पुलिस और पदाधिकारी के यहां पहले कई बार छापामारी हो चुकी है। जिसके दौरान उनके आवास से भारी मात्रा में शराब की खेप भी पकड़ी गई थी और वह जेल भी जा चुके हैं।
कई बार उत्पाद विभाग की पुलिस पर शराब माफियाओं से सांठ गांठ का आरोप लगता रहा है। अभी हाल ही में शराब माफियाओं ने उत्पाद विभाग की टीम पर हमला कर एक सिपाही को घायल भी कर दिया था। लेकिन वायरल वीडियो में जिस तरह से शराब तस्करों को नाम से पुकारने की आवाज उत्पाद विभाग के सिपाही द्वारा लगाया जा रहा है उससे साफ अंदाजा लग रहा है कि शराब तस्करों से अच्छी सांठ गांठ उत्पाद विभाग के टीम के साथ दिखता है। खैर पूरा मसला जांच का विषय है। लेकिन उनकी लापरवाही से शराब की खेप आसानी से बिहार के अन्य जिलों तक पहुंच रही है।
उत्पाद विभाग के सिपाही निशांत कुमार और कांस्टेबल सूरज कुमार ने बताया कि हम लोग यहां पर एक पदाधिकारी और दो सिपाही के बदौलत यूपी से आने वाली सभी गाड़ियों का जांच कर रहे हैं। गाड़ियों के वजन और बिल्टी देखकर हम लोग अंदाजा लगा लेते हैं की गाड़ी में शराब है कि नहीं। जिसमें शक होता है उसकी पूरी तलाशी होती है। उत्पाद विभाग की एएसआई तुलसी कुमारी ने बताया मोहनिया के चेक पोस्ट के पास उत्तर प्रदेश से कैमूर में प्रवेश करने वाले सभी छोटे वाहनों का जांच किया जा रहा है। बिना जांच किए किसी भी वाहन को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट