Expressway News: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड परियोजना है। यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होकर बिहार और झारखंड के कई जिलों से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक पहुंचेगा। यह एक्सप्रेसवे आर्थिक विकास को गति देने और प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी को आसान बनाने में सहायक होगा।
एक्सप्रेसवे का मार्ग
उत्तर प्रदेश में आरंभ:
यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से शुरू होगा और उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा को पार करेगा।
बिहार में मार्ग:
बिहार के कैमूर जिले से प्रवेश करेगा।
कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास और गया जिलों से गुजरते हुए 159 किमी की दूरी तय करेगा।
झारखंड और पश्चिम बंगाल में प्रवेश:
बिहार के बाद झारखंड और फिर पुरुलिया जिले से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा।
610 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ा जाएगा।
यात्रा समय में सुधार
छह-लेन वाले इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से वाराणसी और कोलकाता के बीच यात्रा का समय 15 घंटे से घटकर केवल 9 घंटे रह जाएगा। यह न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि यातायात सुगमता को भी बढ़ाएगा।
निर्माण और शुरू होने की समयसीमा
यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे NH-19 (पुराना NH-12) के समानांतर चलेगा।
वाराणसी रिंग रोड को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के उलुबेरिया में NH-16 से जोड़ेगा।
परियोजना के 2026 तक पूरा होने और यातायात के लिए खुलने की उम्मीद है।
अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे जो बिहार से गुजरेंगे
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे:
यह एक्सप्रेसवे भी बिहार से होकर पश्चिम बंगाल पहुंचेगा।
बिहार के 9 जिलों – पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज से होकर गुजरेगा।