Bihar News: नवादा जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के हजारों गरीब अंत्योदय और पीएचएच कार्डधारी परिवारों के निवाले पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से गरीबों के लिए सस्ते दर पर उपलब्ध कराए जाने वाले अनाज की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रजौली प्रखंड परिसर स्थित एसएफसी गोदाम में कीड़ा और सड़ांध युक्त चावल भेजा गया है। चावल की गुणवत्ता इतनी खराब है कि इसे खाने योग्य कहना मुश्किल है। सरकार गरीबों को बेहतर जीवन देने के लिए योजनाएं बना रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यह उद्देश्य अधूरा रह जाता है। जिनके जिम्मे गरीबों तक साफ और अच्छा अनाज पहुंचाने की जिम्मेदारी है, वे अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं।
पत्रकारों के हस्तक्षेप से मचा हड़कंप
जब पत्रकारों ने इस मामले को उजागर किया और कीड़े युक्त चावल की तस्वीरें कैमरे में कैद कीं, तो अधिकारियों में खलबली मच गई। स्थानीय कर्मियों ने तुरंत उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जांच के बाद एसडीओ पीयूष कुमार ने स्पष्ट किया कि यह चावल डीलरों के पास नहीं जाएगा।
एसडीओ का बयान
एसडीओ पीयूष कुमार ने कहा, "गोदाम में रखे कुछ बोरों में कीड़े युक्त चावल पाया गया है। इन चावलों को डीलरों के पास नहीं भेजा जाएगा। गोदाम का निरीक्षण किया गया है, और बाकी चावल अच्छी गुणवत्ता के हैं। केवल दो-चार बोरों में ही यह समस्या मिली है। सुनिश्चित किया जाएगा कि लाभार्थियों को अच्छी गुणवत्ता का चावल ही दिया जाए।"
सवालों के घेरे में व्यवस्था
हालांकि सवाल यह उठता है कि अगर यह मामला पत्रकारों के जरिए सामने नहीं आता, तो क्या यह खराब चावल ग्रामीणों के बीच बांट दिया जाता? अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि यह खराब चावल गोदाम तक पहुंचा कैसे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होती है या नहीं।
नवादा से अमन की रिपोर्ट