PATNA - विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन हॉल में एक समारोह का आयोजन हुआ।इसका आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स (बिहार), अखिल भारतीय लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस, सेंटर फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ डेमोक्रेटिक राइट्स एंड सेक्युलरिज्म संगठन के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता व एडवोकेट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने की।
इस अवसर पर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर यह कहा कि वर्तमान में मानव अधिकार आयोग की मौजूदगी के बावजूद मानव अधिकारों पर नीतियां बनाकर हमले किए जा रहे हैं। समाज के हर कमजोर वर्ग के लोग खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इन अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि विरोध करने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, स्वस्थ रहने का अधिकार और शिक्षा का अधिकार जैसी बुनियादी सुविधाओं में भेदभाव किया जा रहा है। जाति, धर्म, लिंग, भाषा और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव बढ़ता जा रहा है।इससे मानवाधिकार का लगातार हनन हो रहा।
जमानत के बाद भी जेल में बंद हैं कैदी
वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने यह भी उल्लेख किया कि हजारों कैदी, जिन्हें जमानत मिल चुकी है, अभी भी जेल में बंद हैं। वर्तमान में आम जनता को केवल शोषण का माध्यम बना दिया गया है। उन्होंने ने जोर देकर कहा कि मानवाधिकार दिवस के अवसर पर संगठित होकर इन अधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज बुलंद करना और एक मजबूत आंदोलन तैयार करना आवश्यक है।
जिलो में मानवाधिकार अदालत के गठन का प्रस्ताव पारित
समारोह में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया कि मानवाधिकार संरक्षण कानून, 2005 के तहत जिला स्तर पर मानवाधिकार अदालतों का गठन किया जाए। राष्ट्रीय, राज्य मानवाधिकार आयोग और जिला मानवाधिकार अदालत में अध्यक्ष और सदस्य के रूप में अवकाश प्राप्त न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के स्थान पर मानवाधिकारों के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं में से नियुक्ति की जाय। उन्होंने ने यह भी सुझाव दिया कि इन संगठनों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए।
इसके अलावा पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने 11 सदस्यों की एक समिति का गठन करने का निर्णय लिया, जो मानवाधिकारों पर हो रहे हमलों की जांच करेगी।साथ ही इस आंदोलन को और भी तेज करेगी।
इस कार्यक्रम अधिवक्ता राम जीवन प्रसाद सिंह, उदय प्रताप सिंह, पल्लवी कुमारी पटेल, मंजू शर्मा आदि अनेक अधिवक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किया।
REPORT - ANAND VERMA