N4N डेस्क: बिहार पुलिस का निज़ाम क्या बदला राजधानी से लेकर सूबे के तमाम जिलो में पुलिस अब अपराधियों की गोलियों का जवाब गोलियों से देंने लगी है. इसकी बानगी दिखी है गोपालगंज में जहाँ पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित के नेतृत्व में पुलिस लगातार अपराधियों को उनकी ही भाषा में न केवल जवाब दे रही है बल्कि ताबड़तोड़ गोली का जवाब गोली से दे रही है. इसी का फलाफल है की महज पांच महीनों में पुलिस और अपराधियों के बीच अबतक 6 बार एनकाउंटर हुआ है.मुठभेड़ की इन घटनाओं में एक अपराधी की जहाँ मौत हो गई वही पांच अपराधियों को गोली लगने के बाद पुलिस धर दबोचा और उनका ईलाज कराकर अब सलाखों के पीछे धकेल दिया गया है.
साथ ही युवा पुलिस अधीक्षक गोपालगंज द्वारा फरार अपराधियों के खिलाफ कुर्की जब्ती से लेकर उनकी गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने खातिर तमाम क़ानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रह है.साथ ही ज़रायाम पेशा लोगों को स्पष्ट सन्देश दिया जा रहा है की पुलिस किसी भी हाल में उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है. पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित का साफ कहना है कि जिले में किसी भी सूरत में अपराधियों को पनाह नहीं मिलेगी. पनाह देने वाले और अपराध करने वाले अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे. इसकी एक बानगी फिर एक बार दिखी 8 फरवरी दिन शनिवार को जब जिले के उचकागांव थाना क्षेत्र के भगवान टोला के रहनेवाले गैंगेस्टर मनीष यादव को गोपालपुर थाने के रामपुर खुर्द गांव में एसटीएफ के साथ हुए मुठभेड़ मार गिराया गया.
19 जनवरी 2025 : उचकागांव थाने के वृंदावन गांव के पास पूर्व मुखिया अरविंद यादव की हत्या के आरोपी अभिषेक यादव के साथ पुलिस का मुठभेड़, अभिषेक को लगी गोली.
02 जनवरी 2025 : नगर थाने के काकड़कुंड गांव के शराब माफिया राजू राम के साथ पुलिस का मुठभेड़, जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने से राजू राम घायल हो गया.
04 दिसंबर 2024 : बैकुंठपुर थाने के गम्हरिया गांव में चौकीदार की हत्या के आरोपी विकेस राय और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुआ. पुलिस की गोली से विवेक घायल हो गया.
19 अक्टूबर 2024 : नगर थाने के तुरकहां के पास पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुआ, सीवान का अपराधी सुरेश सिंह गोली लगने से घायल हुआ. इलाज के बाद जेल गया.
30 सितंबर 2024 : कुचायकोट थाने के जलालपुर कॉलेज के पास शराब माफिया और पुलिस में मुठभेड़, यूपी का शराब माफिया नवीन अख्तर मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुआ.
पुलिस की इस सफलता की जनकारी मिलते ही सारण के डीआईजी निलेश कुमार वर्मा भी घटना स्थल पर पहुचे और अपरधियों को बिलकुल स्पष्ट लहजे में चेतवानी देते हुए कहा कि पुलिस अपराधियों को उनकी भाषा में ही जवाब दे रही है. इसी का नतीजा है की बीते सात दिनों में कानून की नज़रों में फरार चल रहे 165 अपराधियों ने सरेंडर किया है.