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Shankar Netralaya : शंकरा नेत्रालय पटना के लिए हुआ करार, सीएम नीतीश की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर, ऐसा होगा विश्व स्तरीय नेत्र अस्पताल

1976 में कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती ने डॉक्टरों के एक समूह को संबोधित करते हुए भारत में एक आँख स्पताल बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की थी. चेन्नई में सबसे पहले शंकरा नेत्रालय बना. अब इसी की एक शाखा पटना में स्थापित हो

Shankar Netralaya Patna
Shankar Netralaya Patna- फोटो : news4nation

Shankar Netralaya : पटना में शंकरा नेत्रालय खुलने को लेकर शुक्रवार को एक बड़ा कदम बढाया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में स्वास्थ्य विभाग और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयम्बटूर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। पटना में अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल के निर्माण एवं संचालन के संबंध में यह समझौता ज्ञापन हुआ है। 

स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयम्बटूर के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डॉ० आर०बी० रमणी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर एक दूसरे को प्रति सौंपी। अब पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय नेत्र अस्पताल के रुप में शंकरा नेत्रालय बनने का रास्ता साफ हो गया.


बिहार कैबिनेट ने इसी महीने 3 दिसम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नेत्र अस्पताल के निर्माण पर फैसला लिया था. कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया इस अस्पताल का निर्माण करेगी. अस्पताल के निर्माण के लिए कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया को 99 साल के पट्टे पर 1.6 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने के लिए राज्य आवास बोर्ड को भुगतान के वास्ते 48 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। अस्पताल 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा.


शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया आंख के इलाज के लिये एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अस्पताल है जो अपने खर्च पर इस भूमि पर अस्पताल का निर्माण एवं संचालन करेगा। इसमें आंख के सामान्य इलाज के साथ-साथ कॉर्नियोप्लास्टी, रेटिना डिटैचमेंट एवं आंख के कैंसर जैसी जटिल बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा। इस संबंध में 75 प्रतिशत मरीजों का इलाज मुफ्त तथा 25 प्रतिशत का सशुल्क होगा। ढाई लाख रूपये प्रति वर्ष से कम आयवाले परिवार निःशुल्क चिकित्सा पा सकेंगे।

कैबिनेट की बैठक में तय किया गया कि अति विशिष्ट नेत्र अस्पताल की स्थापना एवं संचालन हेतु बिहार राज्य आवास बोर्ड, पटना के कंकड़बाग अवस्थित भू-खण्ड रकबा 1.60 एकड़ को स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना को हस्तांतरित करने हेतु 48.00 (अड़तालीस) करोड़ की राशि स्वीकृत की जाती है. उक्त भूमि का स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरण एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से नामांकन के आधार पर 99 वर्ष की लीज पर शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया, कोयम्बटूर को एक रूपये मात्र की टोकन राशि में सशर्त उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई.  


समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान सीएम नीतीश के साथ ही उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय आदि मौजूद रहे. बिहार सरकार के अधिकारी और शंकर आई फाउन्डेशन इंडिया कोयम्बटूर के प्रतिनिधि ने एमओयू का आदान-प्रदान किया. 


शंकर नेत्रालय का इतिहास :

1976 में कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती ने डॉक्टरों के एक समूह को संबोधित करते हुए  भारत में एक आँख स्पताल बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की थी। सेंगमेदु श्रीनिवास बद्रीनाथ के नेतृत्व में परोपकारियों के एक समूह ने तमिलनाडु की राजधानी मद्रास (चेन्नई) में एक धर्मार्थ गैर-लाभकारी नेत्र अस्पताल की स्थापना की. सितंबर 1978 को विनायक चतुर्थी के दिन अस्पताल अस्तित्व में आया. इसका नाम शंकर नेत्रालय या "आंखों का मंदिर" रखा गया. 




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