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Health Tips: सिगरेट छोड़ना है जरूरी, इतने महीने से लेकर साल में कई तरह के मिलेंगे बदलाव

आज के समय में युवाओं से लेकर बड़ों तक को पता है कि सिगरेट पीना कितना हानिकारक है। इसके बावजूद लोग सिगरेट पीना छोड़ नहीं पाते हैं। चलिए आज इसी से जुड़ी कुछ चीजें जानते हैं।

Health Tips: सिगरेट छोड़ना है जरूरी, इतने महीने से लेकर साल में कई तरह के मिलेंगे बदलाव

दुनिया का हर स्मोकर जानता है कि सिगरेट का हर कश उसके लंग्स को नुकसान पहुंचा रहा है। उसके शरीर के सभी अंगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। इसके कारण लंग कैंसर, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, अस्थमा और COPD जैसी खतरनाक बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है। इसके बावजूद लोग जल्दी से सिगरेट पीना छोड़ते नहीं हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि स्मोकिंग छोड़ने के कितने दिन बाद हार्ट हेल्थ में सुधार होना शुरू होता है। बॉडी को अब तक स्मोकिंग से हुए डैमेज को रिकवर करने में कितना वक्त लगता है। चलिए आज इसके बारे में जानते हैं।


अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक, सिगरेट छोड़ने के अगले ही मिनट से सुधार होना शुरू हो जाता है। आखिरी सिगरेट पीने के 20 मिनट बाद हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य होने लगता है, हार्ट रेट भी सामान्य होने लगती है। हालांकि हार्ट की कंप्लीट हीलिंग में कितना समय लगेगा, यह इस पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति कितने लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है और वह दिन भर में कितनी सिगरेट पीता है?


सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में हर साल हर 5 में से 1 मौत स्मोकिंग के कारण होती है। यहां हर साल स्मोकिंग के कारण 4 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो जाती है। WHO के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल स्मोकिंग के कारण 80 लाख से ज्यादा लोगों की कम उम्र में ही मौत हो जाती है। भारत में हर साल स्मोकिंग के कारण 10 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है।


सिगरेट का धुआं हमारे फेफड़ों से होकर हार्ट में जाता है। इसके बाद दिल के जरिए खून में समा जाता है। यह धुआं खून के जरिए हमारे ब्रेन और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंचता है। यह सभी अंगों के कामकाज को प्रभावित करता है। इसके अलावा धुएं में मौजूद कार्सिनोजेन ही बाद में कैंसर का कारण बनते हैं।


स्मोकिंग के कारण यह बीमारियां होती हैं। लंग्स यानी फेफड़े का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्जरवेटिव पलमोनरी डिजीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, हार्ट डिजीज, अस्थमा, प्रीमेच्योर बर्थ, डायबिटीज, अंधापन, 10 से ज्यादा तरह की कैंसर।स्मोकिंग छोड़ने के बाद शरीर थोड़ा सा हिल जाता है, आखिरी सिगरेट के 20 मिनट बाद ब्लड प्रेशर सामान्य होने लगता है। हार्ट रेट सामान्य होने लगती है। स्मोकिंग छोड़ने के 2 सप्ताह से 3 सप्ताह के बाद हार्ट अटैक का जोखिम कम होने लगता है। लंग्स फंक्शन में इंप्रूवमेंट होने लगता है। स्मोकिंग छोड़ने के 5 से 15 साल बाद शरीर में हुआ डैमेज रिपेयर हो जाता है। स्ट्रोक का जोखिम नॉनस्मोकर्स के बराबर हो जाता है। मुंह गले या ओएसोफैगस कैंसर को जोखिम की तुलना में आधा हो जाता है। स्मोकिंग छोड़ने के 12 से 24 घंटे बाद ब्लड में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर सामान्य हो जाता है। हार्ट अटैक का जो गेम काफी कम हो जाता है। स्मोकिंग छोड़ने के 1 से 9 महीने बाद खांसी और सांस लेने में तकलीफ कम हो जाती है। स्मोकिंग छोड़ने की 1 साल बाद कोरोनरी हार्ट डिजीज का जोखिम स्मोकर्स की तुलना में आधा हो जाता है।

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