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कहीं आप भी न हो जाएं स्लिप डिस्क के शिकार, रीढ़ की हड्डियों को ऐसे बचाएं

स्लिप डिस्क एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी के डिस्क में से एक हिस्सा अपनी जगह से खिसक जाता है। यह समस्या आमतौर पर शरीर के पिछले हिस्से में दर्द और सुन्नपन का कारण बनती है। लेकिन कुछ आसान उपायों से इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।

स्लिप डिस्क

आजकल बहुत से लोग स्लिप डिस्क की समस्या का सामना कर रहे हैं। यह समस्या मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी होती है और अगर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह और भी गंभीर हो सकती है। स्लिप डिस्क तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के अंदर का सॉफ्ट हिस्सा बाहर की ओर खिसकता है, जिससे तेज दर्द और सुन्नपन का अनुभव होता है।


स्लिप डिस्क के कारण

बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ की हड्डियों की मजबूती कम हो सकती है।

गलत तरीके से वजन उठाना: ज्यादा भारी सामान उठाने से भी स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है।

हड्डियों की कमजोरी: कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे स्लिप डिस्क हो सकता है।

फिजिकल एक्टिविटी: अत्यधिक या गलत तरीके से की गई शारीरिक गतिविधियां इस समस्या का कारण बन सकती हैं।


स्लिप डिस्क से बचने के उपाय

वजन उठाने में सावधानी रखें: अपनी क्षमता से अधिक वजन कभी न उठाएं।

सही वजन बनाए रखें: वजन का अत्यधिक बढ़ना स्लिप डिस्क के खतरे को बढ़ाता है।

लंबे समय तक एक पोजीशन में न बैठें: अगर आप ऑफिस में लंबे समय तक एक जगह बैठते हैं, तो बीच-बीच में उठकर थोड़ी देर चलें।

व्यायाम सही तरीके से करें: किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज करने से पहले ट्रेनर या एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।


समय रहते इलाज करवाएं

स्लिप डिस्क की समस्या को अगर शुरूआत में ही पहचाना जाए, तो इसका इलाज फिजियोथेरपी और दवाइयों से किया जा सकता है। लेकिन अगर यह समस्या गंभीर हो जाए तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।


स्लिप डिस्क से बचने के लिए इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपनी रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रख सकते हैं और इस दर्दनाक समस्या से बच सकते हैं।

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