बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी पहल, मरीजों की सबसे बड़ी परेशानी अब होगी दूर, स्वास्थ्य विभाग का ऐलान...

Bihar News: बिहार सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। सरकार के इस पहल से मरीजों की सबसे बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। मरीजों के साथ साथ उनके परिजनों को भी मदद मिलेगी।

सीएम नीतीश
700 BLS ambulances 57 hearse vehicles- फोटो : social media

Bihar News: बिहार में मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 700 नई बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस और 57 शव वाहनों को सेवा में शामिल करने की योजना को मंजूरी दी गई है। इससे न केवल मरीजों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, बल्कि मृतकों के शवों को अस्पताल से उनके घर ले जाने की प्रक्रिया भी आसान होगी।

वर्तमान और आगामी एम्बुलेंस सेवाएं

वर्तमान में बिहार के अस्पतालों में 1,575 एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध है। 2024-25 के जनवरी से अक्टूबर तक 1,001 BLS एम्बुलेंस और 574 एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS) एम्बुलेंस सक्रिय हैं। इसके अलावा, नवंबर 2024 से जेनप्लस प्राइवेट लिमिटेड नामक नई एजेंसी ने 102 एम्बुलेंस सेवा का संचालन शुरू किया है। जल्द ही इस सेवा में 700 नई BLS एम्बुलेंस और 57 शव वाहन जोड़े जाएंगे।

राष्ट्रीय मानक के अनुसार एम्बुलेंस की उपलब्धता

राष्ट्रीय मानकों के तहत- 1 लाख की आबादी पर 1 BLS एम्बुलेंस होनी चाहिए। 5 लाख की आबादी पर 1 ALS एम्बुलेंस का प्रावधान है। बिहार में वर्तमान में 1.19 लाख की आबादी पर 1 BLS और 2.17 लाख की आबादी पर 1 ALS उपलब्ध है, जो राष्ट्रीय मानकों के बराबर या बेहतर है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लाभ

आकस्मिक स्थिति में मरीजों को अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में सहूलियत। मरीजों को स्वस्थ होने पर घर तक पहुंचाने में मदद। शव वाहन की उपलब्धता से मृतकों के परिजनों को राहत। एम्बुलेंस की कमी से जूझने वाले मरीजों को अब समय पर सुविधा मिल सकेगी।

सरकार का लक्ष्य

सरकार ने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा ताकि सभी नागरिकों को समय पर उचित इलाज की सुविधा मिल सके। इस नई व्यवस्था से राज्य की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

Editor's Picks