Bihar News :रेलवे अंडरपास का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, लेकिन डीएम ने नहीं दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र, कांग्रेस नेता ने बिहार में बेलगाम अफसरशाही का लगाया आरोप
Bihar News : पीएम मोदी ने जिस रेलवे अंडरपास का शिलान्यास किया. उसे डीएम ने अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया. जिससे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है......पढ़िए आगे

JEHANABAD : जहानाबाद सदर प्रखंड के मूठेर पंचायत अंतर्गत चमनबिगहा गांव जहां से पटना गया रेलवे लाइन गुजरती है। वर्षों से वहां अवैध परिगमन जारी है। लोग सीधा रेलवे लाइन पार कर आते जाते हैं। इस कारण वहां कई बार रेलवे दुर्घटना भी हुई, जिसमें लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। इसके मद्देनजर रेलवे के संज्ञान में मामला आया और वहां रेलवे द्वारा अंडरपास निर्मित किए जाने हेतु स्वीकृति दे दी गई। इस बाबत बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता शिशिर कौण्डिल्य ने बताया कि इस कार्य के लिए जहानाबाद के तत्कालीन जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी के स्थल जांच रिपोर्ट पर रेलवे को इस कार्य के लिए अनुशंसा भी की गई थी। रेलवे ने इसे गंभीरता से लेते हुए उक्त योजना की स्वीकृति दे दी। स्वीकृति मिलने के पश्चात 26 फरवरी 2024 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में इस रेलवे अंडरपास का शिलान्यास भी कर दिया। उसके बाद रेलवे ने कार्य को पूरा करने के लिए तकनीकी स्वीकृति भी दे दी, टेंडर भी आवंटित हो गया।
इन तमाम प्रक्रियाओं के बाद बात जहानाबाद जिला पदाधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र पर आकर अटक गई। उन्होंने आरोप लगाया कि करीब दिसंबर 2024 से बार बार रेलवे इंजीनियरिंग विभाग द्वारा जिला पदाधिकारी जहानाबाद से कार्य प्रारंभ करने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया। लेकिन जरा विडंबना देखिए कि खुद के द्वारा अनुशंसित कार्य का अनापत्ति प्रमाण पत्र जिला पदाधिकारी जहानाबाद ने अभी तक निर्गत नहीं किया। क्या इसे शासनादेश का उल्लंघन नहीं माना जाएगा? इस मसले पर कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर कौण्डिल्य ने इसे बिहार में बेलगाम अफसरशाही का एक नमूना बताया । जहां शासन का आदेश भी बिहार के अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश बाबू के शासन में नौकरशाही नाम का एक नया शासक वर्ग पैदा हो गया। जिसे काम करने का नहीं अपितु काम नहीं करने का बहाना चाहिए।
उन्होंने मांग कि जहानाबाद जिला पदाधिकारी उक्त कार्य के लिए अविलंब अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करें नहीं तो इसके लिए मजबूरन पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश बाबू के राज में बिहार की जनता इतनी बेबस हो चुकी है कि उसे हर छोटी मोटी बातों के लिए न्यायालय के शरण में जाना पड़ता है। बहरहाल, सवाल यह उठता है कि अगर सरकार कोर्ट के आदेश पर ही काम करेगी तो फिर ऐसे शासन का इस बिहार में क्या औचित्य है।।