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कैमूर के दुर्गम पहाड़ियों पर पीएचईडी बनाएगा मल्टी विलेज स्कीम, सीएम नीतीश कुमार ने की बड़ी घोषणा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को प्रगति यात्रा के क्रम में कैमूर जिला के नवनिर्मित बाजार समिति, मोडनिया परिसर से 345.50 करोड़ रुपये की कुल 169 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.

CM Nitish in Kaimur
CM Nitish in Kaimur- फोटो : news4nation

Bihar News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा अब समापन की ओर है इसी क्रम में नीतीश कुमार आज कैमूर जिला में पहुंचे और बहुत सारी योजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री के द्वारा बड़ी घोषणाएं भी की गई। मुख्यमंत्री के द्वारा इसी क्रम में कैमूर के अघौरा प्रखंड में मल्टी विलेज स्कीम बनाने की बड़ी घोषणा की गई।


 लोक स्वास्थ्य प्रमंडल भभुआ के अंतर्गत अघौरा प्रखंड कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित है जिसकी कुल ऊंचाई समुद्र तल से औसतन लगभग 500 मीटर है। कैमूर जिला अंतर्गत लगभग 1063 Sq किलोमीटर में जंगली अभ्यारण्य क्षेत्र है इस प्रखंड में कोरबा, चेरो, उरांव एवं खरवार अनुसूचित जनजाति की बहुलता है। अघौरा दुर्गम पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र होने के कारण गर्मी के मौसम में जल स्तर में भारी गिरावट होती है जिसके कारण अधिष्ठापित "हर घर नल जल" योजना अंतर्गत कराए गए बोरिंग का जलस्तर काफी कम हो जाता है जिससे पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसी को दूर करने के लिए अन्य माध्यम अथवा टैंकरों की आवश्यकता पड़ती है ।


इसी को देखते हुए अघौरा प्रखंड अंतर्गत पेयजल की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, भभुआ अंतर्गत अघोरा बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना की घोषणा आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा की गई। यह कार्य लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा पूरा किया जाएगा।


यह योजना दो जोन में विभाजित किया गया है। जोन 1 के अंतर्गत सोन नदी से पानी उठाकर जल शोध प्रक्रिया के पश्चात जल मीनारों के माध्यम से जलापूर्ति मुहैया कराने का प्रस्ताव है जोन 2 के अंतर्गत दुर्गावती जलाशय से पानी उठाकर जल शोध प्रक्रिया के पश्चात जल मीनारों के माध्यम से जलापूर्ति मुहैया कराने का प्रस्ताव है। योजना में पाइपलाइन की लंबाई जोन वन में 218 किलोमीटर एवं जोन दो में 197 किलोमीटर तथा कुल 415 किलोमीटर प्रस्तावित है इस योजना में 5 वर्षों का परिचालन एवं रखरखाव का प्रावधान किया गया है।योजना की कुल प्रस्तावित राशि 296.60 करोड़ है।


पीएचईडी की यह योजना दुर्गम पहाड़ियों पर रहने वाले लोगों के लिए जलसंकट जैसी स्थिति में एक वरदान साबित हो सकती है।


पुष्कर प्रवीण की रिपोर्ट।

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