Bihar News: 90 साल की माँ को कंधे पर बैठाकर बिहार से यूपी पहुंचा युवक, काशी में कराया गंगा स्नान, कलयुग का श्रवण कुमार!
Bihar News: कलयुग में जहां एक ओर बच्चे माता-पिता को बोझ समझने लगे हैं और बुढ़ापे में माँ-बाप को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे बच्चे हैं जो बुढ़ापे में अपनी माँ-बाप की सेवा श्रवण कुमार की तरह करते हैं और मिशाल पेश करते हैं।

Bihar News: कलयुग में जहां अक्सर संतानें अपने माता-पिता की उपेक्षा करती दिखती हैं। वहीं कुछ उदाहरण ऐसे भी सामने आते हैं जो समाज को झकझोर देते हैं। ऐसा ही एक मार्मिक दृश्य काशी नगरी में पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के दौरान देखने को मिला। जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। दरअसल, बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले राणा प्रताप सिंह अपनी 90 वर्षीय मां पिदंबरा देवी को कंधे पर उठाकर वाराणसी लाए ताकि उन्हें गंगा में स्नान करा सकें। उनके इस समर्पण और सेवा भाव को देखकर घाट पर मौजूद हर व्यक्ति श्रद्धा से नतमस्तक हो गया।
पिता की मृत्यु के बाद ठाना मां की सेवा का संकल्प
राणा प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पिता का 11 अप्रैल को देहांत हो गया था। इसके बाद उन्होंने यह प्रण लिया कि पूरे 12 महीने वे अपनी मां की सेवा और जप में जीवन समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि, "हम सुबह उठते ही मां के चरणों में दंडवत प्रणाम करते हैं। मां के बिना कुछ भी नहीं। मां खुद गीले बिस्तर पर सोती थीं, लेकिन हमें सूखे पर सुलाती थीं।"
मां की सेवा ही सच्चा धर्म
उन्होंने कहा कि आज जहां कई संतानें अपने माता-पिता की सुध नहीं लेतीं। वहीं समाज को यह समझना चाहिए कि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म और पुण्य है। "नकली धन पर रावण सीता को ले गया राम नकली मृग के पीछे दौड़े। लेकिन असली पूंजी मां-बाप का आशीर्वाद है।"राणा प्रताप सिंह ने भावुक अपील करते हुए कहा, "माता-पिता की सेवा करने वाला कभी हारता नहीं। हमारे इतिहास में श्रवण कुमार थे, और अब मैं उनकी राह पर चल रहा हूं।"
लोगों से की खास अपील
उन्होंने सभी से इस संदेश को साझा करने की अपील की ताकि युवा पीढ़ी को यह एहसास हो कि भविष्य में उन्हें भी इसी अवस्था से गुजरना है और माता-पिता की उपेक्षा कर वे अपने ही भाग्य को दुर्भाग्य में बदल रहे हैं। वाराणसी के घाटों पर राणा प्रताप सिंह की यह तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।