Bihar Police: अपराध का साम्राज्य ढहाने की बड़ी कार्रवाई, 17 शातिर अपराधी गिरफ्तार, 10 चोरी की बाइक, जेवर और नकदी बरामद

Bihar Police: पुलिस ने गांव में छापेमारी कर 17 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है....

Major action taken to destroy crime
अपराध का साम्राज्य ढहाने की बड़ी कार्रवाई- फोटो : reporter

Bihar Police: देश के कई राज्यों में झपटमारी, लूट और चोरी की घटनाओं में संलिप्त अपराधियों के बसेरे के रूप में कुख्यात कटिहार जिले के कोढ़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत जुरावगंज गांव में एक बार फिर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। गुप्त सूचना के आधार पर कटिहार पुलिस ने गांव में छापेमारी कर 17 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, वहीं 3 अन्य को शराब कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर भी हिरासत में लिया गया है।

इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 10 चोरी की मोटरसाइकिलें, सोने-चांदी के जेवरात, और नकदी बरामद की है। पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने इस सफलता को एक बड़ी उपलब्धि बताया है और कहा है कि जुरावगंज गांव में अपराध के खिलाफ यह अभियान अब लगातार चलता रहेगा।

जुरावगंज: लूट का अड्डा या अपराध की विरासत?

कटिहार के जुरावगंज की पहचान एक ऐसे गांव के रूप में बन चुकी है, जहां अपराध पीढ़ियों का पेशा बन गया है।यहाँ के कई परिवार आज भी चोरी, लूट और झपटमारी जैसे अपराधों में लिप्त हैं।पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, देश के अनेक राज्यों की पुलिस अपने यहाँ हुई वारदातों की कड़ी तलाशते हुए जुरावगंज तक पहुंच चुकी है।इन अपराधों को अंजाम देने के लिए यहां के लोग अक्सर चोरी की मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें।

कम्युनिटी पुलिसिंग भी हुई बेअसर

पुलिस प्रशासन ने पहले भी कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से गांव में अपराधमुक्त समाज की दिशा में जागरूकता अभियान चलाया था।लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें हुईं, लेकिन अपराध का मोह कुछ परिवारों को छोड़ नहीं सका।इस वजह से एक बार फिर पुलिस को सख्त छापेमारी का सहारा लेना पड़ा।

आगे भी चलेगा अभियान: SP वैभव शर्मा

पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने कहा कि हम लगातार जुरावगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं। आगे भी छापेमारी जारी रहेगी, ताकि इस गांव को अपराध मुक्त बनाया जा सके।

कटिहार के जुरावगंज में पुलिस की इस कार्रवाई से जहां कानून व्यवस्था को बल मिला है, वहीं यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या एक गांव की छवि अपराध से स्थायी रूप से जुड़ चुकी है, या अब भी बदलाव की गुंजाइश बाकी है?

रिपोर्ट-श्याम कुमार शर्मा