Bihar News: कटिहार में उद्घाटन के चार दिन बाद ढहा पंचायत भवन, हल्की बारिश में हुआ ध्वस्त, ग्रामीणों में आक्रोश

Bihar News: लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बने पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं किया था, लेकिन उद्घाटन के महज चार दिन बाद ही हल्की बारिश में भवन का दीवार ढह गया।

Bihar News: कटिहार में उद्घाटन के चार दिन बाद ढहा पंचायत भवन
पंचायत भवन ध्वस्त - फोटो : SHYAM

Katihar: जिले के फलका प्रखंड क्षेत्र के भरसिया पंचायत में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से बने पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं किया था, लेकिन उद्घाटन के महज चार दिन बाद ही हल्की बारिश में भवन का दीवार ढह गया। इस घटना से न केवल स्थानीय जनप्रतिनिधि, बल्कि ग्रामीणों में भी गुस्से की लहर दौड़ गई है।

जानकारी के अनुसार, ₹2 करोड़ 97 लाख 94 हजार 98 रुपये की लागत से बिहार सरकार की योजना के तहत यह पंचायत सरकार भवन बनाया गया था ताकि एक ही छत के नीचे पंचायत से जुड़ी सारी सुविधाएँ ग्रामीणों को मिल सकें। लेकिन जिस भवन को मुख्यमंत्री ने एक अक्टूबर 2025 को रिमोट कंट्रोल से तीसरी बार उद्घाटन किया, वही भवन चार दिन बाद ही अपनी मजबूती की पोल खोल गया।

हल्की बारिश होते ही भवन का पूर्वी दीवार जोरदार आवाज के साथ ढह गया। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में खुलेआम घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और पूरे काम में संवेदक ने घोर लापरवाही बरती। स्थानीय लोग बताते हैं कि छत की ढलाई भी मानकों के अनुरूप नहीं की गई, जिसके कारण जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं।घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय उपमुखिया मोहम्मद कुद्दुस, पूर्व मुखिया फसी अहमद, सांसद प्रतिनिधि तफसील अहमद सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुँचे और भवन की स्थिति का जायजा लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि संवेदक “टॉप लाइन इंफ्रा प्रो० प्रा० लि०” ने निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की है, जिसे लेकर जांच होनी चाहिए।

सांसद प्रतिनिधि तफसील अहमद ने कहा, “अगर हल्की बारिश में भवन गिर रहा है तो सोचिए भूकंप आने पर क्या होगा। यह निर्माण कार्य पूरी तरह से लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है।” उन्होंने यह भी कहा कि “छत की ढलाई ठीक ढंग से नहीं की गई, और दीवारों पर पहले से ही दरारें दिखने लगी थीं।”ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण स्थल पर लगे शीलापट में कार्य प्रारंभ की तिथि का उल्लेख तक नहीं किया गया, केवल कार्य पूर्ण करने की अवधि 18 माह लिखी गई है। इससे साफ जाहिर होता है कि पारदर्शिता की कोई परवाह नहीं की गई।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह