बिहार पर्यटन की अनोखी पहल, लखीसराय में डीएम के साथ देशी-विदेशों सैलानियों का देर रात सरसंडा पहाड़ पर किया विरासत विहार
लखीसराय में चल रहे तीन दिवसीय पर्यटन संगोष्ठी एवं विरासत विहार में पर्यटकों के साथ जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा ने देर रात सरसंडा पहाड़ पर विरासत विहार किया.

Bihar News: ज़िला प्रशासन लखीसराय, पर्यटन विभाग एवं बिहार फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय पर्यटन संगोष्ठी एवं विरासत विहार का शुभारंभ 2 मई को हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन के प्रथम सत्र में देश-विदेश से आए बुद्ध भिक्षु, शोधकर्ता और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम के पश्चात डीएम मिथिलेश मिश्र ने संगोष्ठी में शामिल कुछ लोगों के साथ देर रात सरसंडा पहाड़ का दौरा किया और पर्यटन के बढावा को लेकर काफी सक्रिय दिखाई दिए।
मिथिलेश मिश्र ने बताया कि लखीसराय में तीन दिनों का पर्यटन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस में पर्यटन को बढ़ावा,विकसित करने और पर्यटकों के सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर चर्चा दो सत्रों में किया गया। उन्होंने बताया कि शाम के समय सरसंडा पहाड़ जो शहर से नजदीक में स्थित है बहुत खुबसूरत लगता हैं और काफी अच्छी हवा भी आती है। इसके लिए उन्होंने संगोष्ठी में आए कुछ लोगों से रात को घूमने का आग्रह भी किया जिसे लोगों ने स्वीकार भी किया। उन्होंने बताया कि कुछ दूर लोग गाड़ी से चलकर आए और बाकी पहाड़ पर उनके साथ पैदल चल के आए है।
6 करोड़ का बजट स्वीकृत
डीएम ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि प्रगति यात्रा के दौरान 6 करोड़ के बजट से यहां एक स्कीम स्वीकृत किया गया था जिस से इस पहाड़ की खुबसूरती और सुविधाएं बढ़ जाएगी जिस से आम पर्यटक यहां आसानी से आ जा सकेंगे और परिवार के साथ समय भी बिता सकेंगे साथ ही उन्हें हर तरह की सुविधाएं यहां मिलेगी। उन्होंने बताया आज इसी खुबसूरती को देखने के लिए वो सभी लोगों के साथ यहां आए हैं और शुद्ध हवा का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन दिनों की पर्यटन संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। उन्होंने पर्यटन विभाग को इसके लिए धन्यवाद दिया कि विभाग का भरपूर सहयोग मिल रहा है और पहाड़ तक आने के लिए अब रोड भी बन चूका है।
विरासत को संजोना, पर्यटन को बढ़ाना
तीन दिवसीय इस संगोष्ठी का उद्देश्य लखीसराय की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोना और उसे पर्यटन के माध्यम से व्यापक पहचान दिलाना है। आगामी सत्रों में लखीसराय के पुरातात्विक स्थलों पर भ्रमण और शोधपरक प्रस्तुतियाँ आयोजित होना शामिल है। कार्यक्रम में सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, भूटान, तिब्बत और बोधगया से आए बौद्ध भिक्षु एवं नालंदा नवविहार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आने वाले पर्यटकों को सुविधाएं एवं भौतिक संरचना विकसित की जाएगी, जिससे की इस क्षेत्र में पर्यटन का विकास हो सके।
पुष्कर की रिपोर्ट