बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पद्मपुराण में वर्णित कार्तिक दीपदान का है विशेष महत्व, जानिए इसके लाभ

कार्तिक व्रत और स्नान 17 अक्टूबर, गुरुवार से शुरू हो गए हैं। यह पवित्र मास हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। कार्तिक में दीपदान का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि दीपदान करने से पितरों का मार्ग प्रशस्त होता है और मोक्ष प्राप्त होता है।

पद्मपुराण में वर्णित कार्तिक दीपदान का है विशेष महत्व, जानिए इसके लाभ

Kartik Month: 17 अक्टूबर, गुरुवार से पवित्र कार्तिक व्रत और स्नान की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, और इस महीने में दीपदान करने का अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है। कहा जाता है कि कार्तिक मास में दीपदान करने से पितरों का मार्ग प्रशस्त होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।


दीपदान का महत्व: कार्तिक मास में दीपदान का उल्लेख पुराणों में विस्तार से मिलता है। पद्मपुराण में इसे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यदायक बताया गया है। अग्निपुराण में कहा गया है कि दीपदान से बड़ा कोई व्रत नहीं है। वहीं, स्कंदपुराण में कहा गया है कि कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण और नर्मदा में चंद्रग्रहण के समय किए गए सोने के दान का पुण्य केवल दीपदान से प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए, यह व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।


दीपदान कहां करें: दीपदान विभिन्न स्थानों पर किया जा सकता है, जैसे मंदिर, गौशाला, तुलसी के सामने, नदी के किनारे, सड़क, चौराहे या ब्राह्मण के घर में। अग्निपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति ब्राह्मण या मंदिर में दीपदान करता है, उसे सब कुछ प्राप्त होता है। पद्मपुराण के अनुसार, नदी के किनारे या मंदिर में दीपदान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।


पितरों के लिए दीपदान: पद्मपुराण में भगवान शिव ने अपने पुत्र कार्तिकेय को दीपदान के महत्व के बारे में बताया है। शिवजी कहते हैं कि मनुष्य के पितर सदैव यही कामना करते हैं कि उनके वंश में कोई ऐसा भक्त पुत्र जन्म ले, जो कार्तिक मास में दीपदान कर भगवान श्री केशव को संतुष्ट करे और उनके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करे। कार्तिक मास में दीपदान हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह न केवल मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है, बल्कि पितरों के लिए मार्गदर्शन का कार्य भी करता है। जो लोग कार्तिक व्रत और स्नान का पालन करते हैं, वे दीपदान के माध्यम से अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं

Editor's Picks