ठंड के मौसम में अक्सर लोग आलस से घिर जाते है। इस दौरान ना तो लोग सुबह उठ पाते हैं और ना ही तय समय में अपने कार्य को पूरा कर पाते हैं। ऐसे में आलस से छुटकारा पाना हर इंसान के लिए एक बहुत कठिन कार्य हो जाता है। ठंड के इन तीन महीनों में इंसान को अपना पूरा दिनचर्या बदलना पड़ता है और खुद को एक्टिव रखने के लिए मोटिवेट करना पड़ता है। कई बार लोग खुद को मोटिवेट करने में सफल हो पाते हैं तो कई बार वह अपने पूरे दिन को सुबह लेट उठकर बर्बाद कर लेते हैं। इस बड़ी समस्या से निदान पाने के लिए 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय गुरु प्रेमानंद जी महाराज द्वारा कुछ ऐसी प्रमुख बातें बताई गई है जिसका अनुसरण कर लोग ठंड में भी खुद को आलस से बचा सकते है। साथ ही खुद को सफल बनाने की राह पर ला सकते हैं।
आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने जिंदगी से आलस को भागना चाहता है तो उसे हर रोज रात को सोने से पहले अगले दिन के कार्य को अपने दिमाग में स्मरण कर लेना होता है। ऐसा करने से हमारा शरीर और मस्तिष्क उस कार्य के प्रति निष्ठा पूर्वक तैयार हो जाता है और मनुष्य को सुबह उठने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार हमारा शरीर और मस्तिष्क हमारे कमांड का काफी तत्परता से अनुसरण करता है। दिमाग को किसी काम के लिए दृढ़ता से तैयार करने से वह कार्य जरूर किया जा सकता है। इसका फायदा यह होता है की आप सुबह उठने में सफल हो पाते हैं और इसी के साथ आपके पूरे दिन का कार्य एक के बाद एक पूरा होने लगता है।
वहीं, प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार अक्सर वह लोग सुबह नहीं उठ पाते हैं जो रात में तय समय पर सोते नहीं है। उनका मानना है कि अगर किसी व्यक्ति की नींद पूरी हो जाती है तो व्यक्ति खुद से सुबह तय समय पर उठ पाता है। इसके लिए उसे अलार्म या किसी की सहायता नहीं लेनी पड़ती है। इससे शरीर के नींद चक्र में सुधार भी होता है। नींद चक्र में सुधार होने पर कम अवधि की नींद के बावजूद गुणवत्तापूर्ण नींद आती है और आप दिन ऊर्जावान ढंग से बिता पाते है। इसके साथ ही उसकी दिनभर की थकान उसी तय वक्त में खत्म हो जाती है, जिससे उसके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है जिसकी सहायता से वह अपने सभी कार्य को जल्द से जल्द पूरा कर लेता है।