Jharkhand News : धूमधाम से मनाया गया झारखंड मुक्ति मोर्चा का 53 वां स्थापना दिवस, जानिए पार्टी के उतार-चढ़ाव की कहानी

Jharkhand News : धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का 53वां स्थापना दिवस मनाया गया. लेकिन इन 53 सालों में पार्टी ने कई उतार चढ़ाव का दौर देखा है.....जानिए पूरी कहानी

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झामुमो का उतार चढ़ाव - फोटो : SOCIAL MEDIA

Dhnabad : झारखंड की सत्तारुढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में अपना 53वां स्थापना दिवस मनाया। धनबाद के इसी गोल्फ ग्राउंड में आज से 53 साल पहले 4 फरवरी, 1972 को आयोजित रैली में अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को नई दिशा देने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा की नींव रखी गई थी। 

तब से लेकर अब तक के यह सफर झामुमो के लिए कतई आसान नहीं था। साल 1972 में सोनोत संताल और विनोद बिहारी महतो की अगुवाई वाले सामाजिक संगठन शिवाजी समाज का विलय किया गया और झामुमो की स्थापना हुई। इसमें ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष ए.के राय की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विनोद बिहारी महतो पार्टी के पहले अध्यक्ष और शिबू सोरेन पहले महासचिव बनाए गए।

साल 1980 में शिबू सोरेन दुमका से सांसद चुने गए और इसी वर्ष बिहार विधानसभा के चुनाव में पार्टी नें संथाल परगना क्षेत्र की 18 में से 9 सीटें  जीतकर अपनी ताकत का अहसास कराया। साल 1991 में विनोद बिहारी महतो के निधन के बाद शिबू सोरेन को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। 

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झारखंड को अलग राज्य की मान्यता दिलाने में झामुमो की निर्णायक की भूमिका रही है। साल 2015 में जमशेदपुर में हुए अधिवेशन में हेमंत सोरेन को पहली बार कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया, जिसके बाद पार्टी में नए दौर की शुरूआत हुई।

बढ़ती उम्र के कारण शिबू सोरेन अब राजनीतिक रूप से ज्यादा सक्रिय नहीं है, लेकिन वो अभी भी पार्टी के अध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं। शिबू सोरेन पिछले 34 सालों से पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं। एक राजनीतिक दल में किसी एक व्यक्ति का इतने लंबे समय तक अध्यक्ष बने रहना अपने-आप में एक मिसाल है।

शिबू सोरेन तीन बार क्रमशः 2005,2008,2009 में राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए। वहीं हेमंत सोरेन  2013 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए। हालांकि झामुमो की अगुआई वाली ये चारों सरकारें अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर सकी।

झामुमो ने   हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 2019 में राज्य की 81 में से 30 विधानसभा सीटों पर कब्जा किया और कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर फिर से राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए। इसके बाद 2024 के विधानसभा के चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 81 में से 34 सीटों पर जीत दर्ज की और दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए।

अभिषेक सुमन की रिपोर्ट