Bihar politics - बेटियों को शिक्षा, सम्मान और बराबरी का अवसर देना ही असली इंकलाब, आईपी गुप्ता की यात्रा को मिल रहा पूरा समर्थन

Madhepura - बिहार की राजनीति में इस समय सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाला नाम है – इंजीनियर आई.पी. गुप्ता की इंकलाब यात्रा। आज जब यह यात्रा मधेपुरा जिले के आलमनगर की ओर बढ़ रही थी, तो माहौल किसी उत्सव जैसा नजर आ रहा था। गांव-गांव, टोला-टोला से लोग सड़क किनारे खड़े होकर स्वागत कर रहे थे।
नौजवान, महिलाएं, बच्चे, किसान – हर वर्ग के लोग इंकलाब यात्रा में शामिल होते नजर आए। यात्रा चौसा टोला होते हुए आलमनगर की ओर बढ़ी तो नारों, गीतों और ढोल-नगाड़ों की गूंज ने पूरे रास्ते को एक राजनीतिक जश्न में बदल दिया।
इंकलाब बदलाव की राजनीति
लोगों की भीड़ और जोश इस बात का साफ संकेत दे रहा है कि अब पिछड़े, दलित और वंचित समुदाय राजनीति में अपनी भागीदारी और सम्मान की मांग कर रहे हैं। आलमनगर का मैदान आज ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रहा है। हजारों लोग वहां जुटकर इंकलाब यात्रा का स्वागत करेंगे।
रूट और स्वागत-स्थल
पहला पड़ाव – नौगछिया : कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने बैंड-बाजे के साथ स्वागत किया।
दूसरा पड़ाव – खैरपुर टोला : स्थानीय नेतृत्व की अगुवाई में यात्रा का जोशीला स्वागत।
तीसरा – लौआ लगाम : युवाओं ने नारे लगाकर यात्रा को आगे बढ़ाया।
चौथा – चौसा (सौदिया टोला) : लोगों की भीड़ ने जनसैलाब में बदलकर यात्रा को रफ्तार दी।
पाँचवां – क्लासेन : यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई।
छठा – अंबेडकर चौक, पुरैनी : यहां पुलिस बल की मौजूदगी के बीच भारी भीड़ ने यात्रा को समर्थन दिया।
अंतिम पड़ाव – आलमनगर सभा स्थल (शिव मंदिर मैदान) : जहां विशाल जनसभा होने वाली है।
बेटियों और बदलाव का संकल्प
इंकलाब यात्रा के दौरान इंजीनियर आई.पी. गुप्ता ने संदेश दिया कि – हमारी बेटियों के सपने अधूरे नहीं रहेंगे। उन्हें शिक्षा, सम्मान और बराबरी का अवसर देना ही असली इंकलाब है।
राजनीतिक हलचल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इंकलाब यात्रा जिस तरह से जनसैलाब खड़ा कर रही है, उसने सत्ता दलों और विपक्षी पार्टियों दोनों की चिंता बढ़ा दी है। आलमनगर विधानसभा सीट पर यह यात्रा एक बड़ा राजनीतिक संदेश देती नजर आ रही है।
भीड़ और जनता का जोश साफ बता रहा है कि इंकलाब यात्रा अब सिर्फ एक पार्टी का कार्यक्रम नहीं रह गया है, बल्कि यह एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है। बिहार की राजनीति में यह यात्रा किस करवट बैठेगी, यह आने वाला चुनाव बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इंकलाब यात्रा ने चुनावी हवा को और तेज कर दिया है।