Teacher Student Romance:क्लासरूम में ‘इश्क़ मुहब्बत का खेल, टीचर-स्टूडेंट का वीडियो देख शर्माएंगे आप,जहां गढ़ा जाता है भविष्य, वहीं टूटी मर्यादा

Teacher Student Romance: शिक्षा को अब तक "विद्या का मंदिर" कहा जाता रहा है। वह मंदिर, जहां ज्ञान दीप जलते हैं, जहां गुरु को ईश्वर का दर्जा दिया गया है।

Teacher Student Romance
क्लासरूम में ‘इश्क़ मुहब्बत का खेल- फोटो : X

Teacher Student Romance: शिक्षा को अब तक "विद्या का मंदिर" कहा जाता रहा है। वह मंदिर, जहां ज्ञान दीप जलते हैं, जहां गुरु को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। लेकिन मधुबनी जिले के जयनगर शहर से जो घटना सामने आई है, उसने न केवल इस पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है,  वह ‘गुरु-शिष्य परंपरा’, जिस पर हम गर्व करते आए हैं?

कोचिंग संचालक सह शिक्षक राकेश कुमार, जो खुद को गणितज्ञ कहलाने पर इतराता था, अपनी ही छात्रा पर गलत निगाहें गड़ाए बैठा था। आरोपों के मुताबिक, उसकी हरकतें इतनी घटिया और अश्लील थीं कि पढ़ाई-लिखाई के नाम पर छात्रा का मन घुटता रहा। जब विरोध करना चाहा, तो कथित "सहयोगी" मकान मालिक कुलदीप सिंह और उसका मित्र सोनू चौधरीने उसे धमकाकर ऐसा वीडियो बनाने पर मजबूर किया, जो अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय है।

विडंबना देखिए, जिस हाथ में किताब होनी चाहिए थी, उसी हाथ से मोबाइल कैमरा सेट किया गया। गुरुजी के ज्ञान का नहीं, बल्कि उनकी गंदी नीयत का "समीकरण" रिकॉर्ड हुआ। कैमरे पर कैद दृश्य में शिक्षक की घबराहट और वीडियो बंद करने की कोशिश यह बताने के लिए काफी है कि अपराधी कितना भी चालाक हो, कैमरा सच को सामने ला ही देता है।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। वीडियो को वायरल करने का खेल शुरू हुआ। सोशल मीडिया के बाजार में "सनसनी" के नाम पर छात्रा की लज्जा को नीलाम कर दिया गया। फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप की स्क्रीनें उसकी पीड़ा का मजाक उड़ाती रहीं। समाज के ठेकेदार फिर वही पुराना सवाल पूछने लगे"लड़की ने ऐसा क्यों किया?पर कोई यह क्यों नहीं पूछता कि"शिक्षक और उसके साथियों ने क्यों किया?"

पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपित राकेश कुमार, मकान मालिक कुलदीप सिंह और सोनू चौधरी के खिलाफ छापेमारी जारी है। प्रशासन सोशल मीडिया चैनलों की भी शिनाख्त कर रहा है, जिन्होंने बिना सोचे-समझे पीड़िता की इज्जत को क्लिक और व्यूज़ की भेंट चढ़ा दिया।

यह घटना सिर्फ एक छात्रा की कहानी नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर लगा गहरा धब्बा है। सवाल उठता है कि जब शिक्षक ही शिकारी बन जाएं, तो छात्र-छात्राओं की सुरक्षा किसके भरोसे रहेगी?

बहरहाल जहां गुरु, शिष्य की मर्यादा भूल जाए, वहां ज्ञान नहीं, कुल कलंक ही पनपता है।