Bihar News: PM आवास योजना का 'रिश्वतनामा' देख अधिकारी के उड़े होश! प्रखंड कार्यालय भ्रष्टाचार के दलदल में, हर लाभुक से 25 हज़ार की वसूली!

Bihar News:बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद, सरकारी महकमे में 'माल बटोरने' का खेल धड़ल्ले से जारी है। निगरानी विभाग की 'SUV' जहां भी भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी पर हाथ डाल रही है, वह 'धनकुबेर' ही निकल रहा है। ....

PM Awas Yojana
PM आवास योजना का 'रिश्वतनामा' देख अधिकारी के उड़े होश! - फोटो : reporter

Bihar News:बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद, सरकारी महकमे में 'माल बटोरने' का खेल धड़ल्ले से जारी है। निगरानी विभाग की 'SUV' जहां भी भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी पर हाथ डाल रही है, वह 'धनकुबेर' ही निकल रहा है। ताजा मामला मोतीहारी जिले के अरेराज प्रखंड से सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है।

'रिश्वत की डायरी' ने खोली भ्रष्टाचार की पोल!

अरेराज के एसडीओ अरुण कुमार जब पीएम आवास योजना की समीक्षा और जांच के लिए प्रखंड कार्यालय पहुंचे, तो उनके सामने जो 'रिश्वत की डायरी' आई, उसे देखकर उनके होश उड़ गए। यह कोई सामान्य हिसाब-किताब नहीं था, बल्कि आवास लाभुकों से ली गई रिश्वत की राशि का ब्यौरा था। डायरी में बाकायदा लाभुकों को दी गई किश्त की राशि, उसमें से ली गई रिश्वत और बची हुई राशि तक अंकित थी। भ्रष्टाचार का यह खुला चिट्ठा देखकर एसडीओ ने प्रखंड स्तर के अधिकारी और कर्मियों को जमकर फटकार लगाई और तत्काल आवास योजना की गहन जांच के आदेश दिए, जिससे पूरे कार्यालय में भूचाल आ गया है।

खुलेआम वसूली, मालामाल हुए अधिकारी और कर्मी!

सूत्रों की मानें तो पीएम आवास योजना में प्रति लाभुक 20 से 25 हजार रुपये तक की मोटी रकम वसूली जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि इस योजना का लाभ दो मंजिला और तीन मंजिला मकान मालिकों को भी दिया जा रहा है, जबकि वे इसके पात्र नहीं हैं। जियो टैग फोटो और लाभार्थी की मात्र जांच कर ली जाए तो एक बड़े खुलासे से इनकार नहीं किया जा सकता। चर्चा है कि एक पंचायत के जनप्रतिनिधि से तो प्रखंड के अधिकारी ने अपने खाते में ही रिश्वत की मोटी रकम ट्रांसफर करवाई है।

एसडीओ की कार्रवाई से मचा हड़कंप, जांच में और बड़े खुलासे की आशंका!

एसडीओ अरुण कुमार ने तुरंत बीडीओ से इस 'भ्रष्टाचार की डायरी' पर स्पष्टीकरण मांगा है। भ्रष्टाचार का यह चिट्ठा मिलते ही आवास सहायक, पर्यवेक्षक और बीडीओ को भी खूब फटकार लगाई गई है। एसडीओ ने पंचायत में आवास योजना में हुए 'खेल' की जांच का भी निर्देश दिया है। दबी जुबान में लोग आवास योजना में हुए खेल की चर्चा में 'जितनी मुंह उतनी बात' कह रहे हैं। अगर आवास योजना की सूक्ष्म तरीके से जांच की जाए, तो अरेराज ही नहीं, बल्कि पड़ोसी प्रखंडों और नगर पंचायत में भी हुए बड़े खुलासों से इनकार नहीं किया जा सकता। यहां तक कि वार्ड पार्षद से लेकर विकास मित्र तक इस योजना का लाभ लेने में पीछे नहीं रहे हैं।

ग्रामीण अब मांग कर रहे हैं कि ग्रामीण आवास योजना की सूक्ष्म तरीके से जांच कराकर दोषी अधिकारी और कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पात्र लाभुकों को उनका हक दिलाया जाए। इस 'रिश्वत की डायरी' ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं और इसे उखाड़ने के लिए अभी और भी सख्त कदम उठाने होंगे।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार