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Bank fraud - बैंक में धोखाधड़ी के मामले में ब्रांच मैनेजर सहित पांच को तीन साल की सजा, CBI कोर्ट में 27 साल बाद आया फैसला

Bank fraud – खाता खुलवाने में फर्जीवाड़े को लेकर CBI कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बैंक मैनेजर सहित पांच लोगों को 3 साल की सजा सुनाई है। मामले में सीबीआई ने 1997 में केस दर्ज किया था। पढ़िए पूरी खबर...

  Bank fraud - बैंक में धोखाधड़ी के मामले में ब्रांच मैनेजर सहित पांच को तीन साल की सजा, CBI कोर्ट में 27 साल बाद आया फैसला
बैंक फ्रॉड में पांच को तीन साल की जेल- फोटो : AI-META

N4N DESK - बैंक में धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए पांच आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई है। सजा पानेवालों  में बैंक मैनेजर, फील्ड सुपरवाइजर सहित अन्य शामिल हैं। पांचों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

पूरा मामला मुंगेर के ग्रामीण बैंक से जुड़ा है। जहां 27 साल पहले 29 मार्च 1997 को सीबीआई ने शाखा प्रबंधक इंद्रेश मिश्रा और 09 अन्य के खिलाफ शिकायत की गई थी। आरोप है कि  इंद्रेश मिश्रा ने 1983-88 के दौरान शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और 76 फर्जी ऋण खाते खोले। इन खातों के माध्यम से ₹3,92,429/- की राशि फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी और बेईमानी से निकाली और गबन की।  

बिना पशु खरीदे मृत बताकर लिए इंश्योरेंस के पैसे

इसके अलावा शाखा प्रबंधक इंद्रेश मिश्रा ने 25 फर्जी उधारकर्ताओं को पशु ऋण स्वीकृत और वितरित किया और उन आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान किया, जबकि वास्तव में कोई पशु या सामग्री आपूर्ति नहीं की गई थी। कुछ महीनों बाद, पशुओं को मृत दिखाया गया और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से दावा दायर किया गया। असल में, न तो पशु खरीदे गए थे और न ही आपूर्तिकर्ताओं ने उधारकर्ताओं को कोई पशु आपूर्ति की थी।  

जांच के दौरान यह भी पता चला कि बैंक अधिकारियों ने निजी व्यक्तियों के साथ आपराधिक साजिश रची, जो कथित तौर पर नकली आपूर्तिकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने उधारकर्ताओं को सामग्री की आपूर्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार किए।  

27 साल बाद आया फैसला

जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 19.03.1997 को सीबीआई मामलों के विशेष न्यायालय, पटना में आरोप पत्र दायर किया। जिस पर 27 साल बाद फैसला आया है। मामले में सीबीआई कोर्ट ने इंद्रेश मिश्रा (तत्कालीन शाखा प्रबंधक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, मुंगेर); ओम प्रकाश शर्मा (तत्कालीन फील्ड सुपरवाइज़र, मुंगेर ग्रामीण बैंक, बरहिया); विनोद कुमार सिंह (डेवलपमेंट ऑफिसर, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, मुंगेर) और दो निजी व्यक्ति (बदन सिंह और सादन सिंह) को 03 वर्ष के कठोर कारावास और ₹50,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई।  


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